तनाव के बीच पाकिस्तान को फंडिंग देने से नाराज दुनिया, गूंजा रहा बस एक सवाल - IMF आतंक के साथ खड़ा है क्या?

तनाव के बीच पाकिस्तान को फंडिंग देने से नाराज दुनिया, गूंजा रहा बस एक सवाल - IMF आतंक के साथ खड़ा है क्या?

Indo-PAK War Tension: भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने शुक्रवार को पाकिस्तान को 1अरब डॉलर की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है। यह रकम 'एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी' (EFF) योजना के तहत दी गई है। यह निर्णय उस वक्त लिया गया है जब पाकिस्तान पर आतंक को बढ़ावा देने और भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने के गंभीर आरोप लग रहे हैं।

बता दें कि,IMF की इस मंजूरी पर भारत ने सख्त ऐतराज जताया है। भारत ने न सिर्फ बैठक में हिस्सा नहीं लिया, बल्कि यह भी कहा कि पाकिस्तान को दी जा रही आर्थिक सहायता का दुरुपयोग आतंकवाद फैलाने में किया जा सकता है। भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान का वित्तीय रिकॉर्ड बेहद खराब है और वहां दी गई मदद आतंकी संगठनों तक पहुंचती है, जो भारत पर हमले करते हैं।

पहलगाम हमले के बाद भारत की सख्त कार्रवाई

22अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एयर स्ट्राइक की थी। इसमें पाकिस्तान और पीओके के 9आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। इसके बाद पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों की कोशिश की, जिनका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इसी पृष्ठभूमि में IMF की सहायता को लेकर वैश्विक आलोचना शुरू हो गई है।

IMF के फैसले पर देश-विदेश से तीखी प्रतिक्रियाएं

इस फैसले पर चुनावी विश्लेषक यशवंत देशमुख ने कहा, "IMF के हाथ खून से रंगे हैं।" वहीं सुरक्षा विशेषज्ञ सुशांत सरीन ने आरोप लगाया कि IMF की मदद से पाकिस्तान को भारत पर हमले करने की हिम्मत मिल रही है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कहा कि यह फैसला उपमहाद्वीप में तनाव को और बढ़ा सकता है।

'IMF आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है' - अंतरराष्ट्रीय चिंता

पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने IMF के फैसले को 'राजनीतिक रूप से संदिग्ध' बताया और कहा कि IMF पर वैश्विक शक्तियों का प्रभाव है। भारत के वित्त मंत्रालय ने भी चेताया कि यह फैसला नैतिक सुरक्षा उपायों से रहित है और इससे सीमा पार आतंक को बढ़ावा मिल सकता है। अफगान सांसद मरियम सोलायमानखिल ने तो यहां तक कहा, “IMF ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि खून-खराबे को बचाया है। दुनिया कब तक पाकिस्तान को हत्या के लिए पैसे देती रहेगी?”

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