
Gopichand Hinduja Dies At 85: हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति गोपीचंद पी. हिंदुजा का 85 वर्ष की आयु में लंदन के एक अस्पताल में निधन हो गया। परिवार के अनुसार, गोपीचंद हिंदुजा कई हफ्तों से बीमार चल रहे थे। उनका निधन हिंदुजा समूह के लिए एक युग के अंत का प्रतीक माना जा रहा है। 29 जनवरी 1940 को जन्मे गोपीचंद हिंदुजा ने अपने छह दशक लंबे करियर में परिवारिक व्यवसाय को वैश्विक स्तर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
भाई के साथ मिलकर किया ग्रुप का विस्तार
सिंधी व्यापारी परिवार से ताल्लुक रखने वाले गोपीचंद ने मुंबई के जे हिंद कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। शुरुआत से ही वे परिवारिक व्यवसाय से जुड़े और अपने भाई श्रीचंद के साथ मिलकर हिंदुजा ग्रुप को ट्रेडिंग से लेकर ऑटोमोबाइल, ऊर्जा, मीडिया, बैंकिंग और स्टील जैसे क्षेत्रों में विस्तारित किया। उनके नेतृत्व में ग्रुप ने 1984 में Gulf Oil International और 1987 में भारत की ऑटोमोबाइल कंपनी Ashok Leyland का अधिग्रहण किया।
2023 में बड़े भाई Srichand P. Hinduja के निधन के बाद गोपीचंद हिंदुजा ने ग्रुप की अध्यक्षता संभाली। उनके नेतृत्व में हिंदुजा ग्रुप का व्यवसाय अब 30 देशों में फैला हुआ है और लगभग 2 लाख लोगों को रोजगार देता है। 2024 में उनकी कुल संपत्ति £37.2 बिलियन आंकी गई थी। गोपीचंद हिंदुजा लंदन में रहते थे और वैश्विक संचालन की देखरेख करते थे। उनके छोटे भाई प्रकाश हिंदुजा मोनाको में और सबसे छोटे भाई अशोक हिंदुजा मुंबई से भारत में ग्रुप के कारोबार को संभालते थे।
हिंदुजा ग्रुप की विरासत और रियल एस्टेट
हिंदुजा ग्रुप की नींव 1919 में परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने रखी थी। फैमिली ने 1979 में मुख्यालय ईरान से लंदन शिफ्ट किया और ग्रुप को ग्लोबल स्तर पर विस्तारित किया। समूह के पास विशाल रियल एस्टेट पोर्टफोलियो भी है, जिसमें व्हाइटहॉल स्थित ओल्ड वॉर ऑफिस बिल्डिंग और कार्लटन हाउस टेरेस शामिल हैं। गोपीचंद हिंदुजा का योगदान न सिर्फ व्यवसाय, बल्कि ब्रिटेन और भारत के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में भी अमूल्य रहा।
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