EPFO Withdrawal New Rules: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हाल ही में PF और पेंशन निकासी के नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर भ्रम और आलोचना दोनों ही देखने को मिल रहे हैं। EPFO ने अब स्पष्ट किया है कि नौकरी छूटने के तुरंत बाद सदस्य सिर्फ 75% राशि निकाल सकते हैं, जबकि शेष 25% राशि 12 महीने बाद ही मिलेगी। पहले यह पूरी राशि 2 महीने बाद निकाली जा सकती थी, लेकिन अब नियम कड़े कर दिए गए हैं।
पेंशन निकासी के लिए 36 महीने का इंतजार
पेंशन (EPS) फंड को लेकर भी बड़ा बदलाव किया गया है। पहले जहां सदस्य 2 महीने की बेरोजगारी के बाद पेंशन राशि निकाल सकते थे, अब यह अवधि बढ़ाकर 36 महीने कर दी गई है। EPFO का कहना है कि यह फैसला इसलिए लिया गया ताकि सदस्य 10 साल की न्यूनतम सेवा पूरी कर पेंशन के लिए पात्र बन सकें। अक्सर PF की बार-बार निकासी से यह सेवा अवधि टूट जाती थी, जिससे पेंशन पात्रता खत्म हो जाती थी।
निकासी के विकल्प किए गए सीमित, लेकिन लचीले
EPFO ने PF निकासी की कैटेगरी की संख्या 13 से घटाकर 3 कर दी है — बीमारी/शिक्षा/विवाह, घर से जुड़ी जरूरतें और आपात स्थिति। अब शिक्षा के लिए 10 बार और विवाह के लिए 5 बार तक आंशिक निकासी की जा सकती है, जबकि पहले इसकी सीमा सिर्फ 3 बार थी। घर और शादी के लिए निकासी अब हर एक साल के अंतराल पर की जा सकेगी, जो पहले 5–7 साल की सीमा में थी।
सरकार का उद्देश्य: पेंशन सुरक्षा और स्थायित्व
श्रम मंत्रालय के अनुसार, इन बदलावों का मकसद कर्मचारियों को दीर्घकालिक पेंशन सुरक्षा देना है। बार-बार निकासी से सेवा अवधि में ब्रेक आने के कारण कई सदस्य EPS का लाभ नहीं ले पाते थे। अब संशोधित नियमों से कर्मचारियों को सेवा जारी रखने और भविष्य के लिए बेहतर फाइनेंशियल सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
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