चीन पर अमेरिकी टैरिफ का बड़ा असर, भारत की इस इंडस्ट्री को मिला जबरदस्त मौका; मांग से निर्यातकों में उत्साह

चीन पर अमेरिकी टैरिफ का बड़ा असर, भारत की इस इंडस्ट्री को मिला जबरदस्त मौका; मांग से निर्यातकों में उत्साह

India’s Toy Industry: भारत के खिलौना निर्यातक अब अमेरिकी बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की तैयारी में हैं। इसका कारण है अमेरिका द्वारा चीन से आयातित खिलौनों पर लगाया गया भारी टैरिफ। इससे अमेरिकी खरीदार अब नए विकल्पों की तलाश में हैं और भारतीय खिलौनों की मांग बढ़ती जा रही है। इस मौके को 'सुनहरा अवसर' मानते हुए भारतीय निर्यातक तेजी से तैयारियों में जुट गए हैं।

भारतीय खिलौना संघ ने लगभग 40ऐसी भारतीय कंपनियों की पहचान की है जो अमेरिकी नियमों के अनुसार खिलौने बना सकती हैं और वहां बड़े स्तर पर निर्यात कर सकती हैं।

अभी 20कंपनियां कर रही हैं अमेरिका को निर्यात

भारतीय खिलौना संघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने जानकारी दी कि फिलहाल करीब 20भारतीय कंपनियां अमेरिका को बड़ी मात्रा में खिलौनों का निर्यात कर रही हैं। उन्होंने बताया, "पिछले एक महीने में अमेरिकी खरीदारों की ओर से पूछताछ काफी बढ़ी है। कुछ भारतीय निर्यातकों ने भी हमसे संपर्क किया है और उन कंपनियों की सूची मांगी है जो अमेरिका के सभी मानकों के अनुसार खिलौने बना सकें।"

अमेरिकी खरीदार अब ऐसे निर्माताओं की तलाश कर रहे हैं जो 'व्हाइट लेबलिंग' (दूसरे उत्पाद को अपने ब्रांड नाम से बेचने) और OEM (मूल उपकरण निर्माता) के रूप में काम कर सकें।

2024में अमेरिकी खिलौना बाजार 42.8अरब डॉलर तक पहुंचा

जीएमआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी खिलौना बाजार 2024में 42.8अरब डॉलर तक पहुँच गया है। अनुमान है कि यह बाजार 2032तक 56.9अरब डॉलर तक पहुँचेगा। 2025से 2032के बीच इसमें 3.6प्रतिशत की सालाना वृद्धि (CAGR) दर्ज की जाएगी। इस बढ़ोतरी की वजह है बच्चों में शैक्षिक और इंटरैक्टिव खिलौनों की बढ़ती लोकप्रियता।

भारत के लिए बढ़ सकता है निर्यात का रास्ता

अजय अग्रवाल ने कहा, "अगर अमेरिका चीन पर हाई टैरिफ और भारत पर कम टैरिफ जारी रखता है, तो इससे भारत को बड़ा लाभ मिल सकता है। पहले से ही 20 कंपनियां अमेरिका को निर्यात कर रही हैं। अगर हमें शुल्क दरों में छूट मिलती है, तो हम अमेरिकी बाजार में अपनी पकड़ और मजबूत कर सकते हैं।"

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