
Donald Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल आयात को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए 50%टैरिफ लागू करने का ऐलान किया है। यह कदम भारत द्वारा रूस से ऊर्जा आयात बंद करने से इनकार के बाद आया है, जिसे ट्रंप प्रशासन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। ट्रंप ने भारत पर यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से वित्तपोषित करने का आरोप लगाया और कहा कि भारत "रूसी युद्ध मशीन को ईंधन दे रहा है।" इसके साथ ही, उन्होंने अन्य देशों, खासकर चीन, पर भी सेकेंडरी सैंक्शन की चेतावनी दी है।
पिछले हफ्ते, 30जुलाई को ट्रंप ने भारत से आयात पर 25%टैरिफ की घोषणा की थी, जिसे 6अगस्त को अतिरिक्त 25%टैरिफ के साथ बढ़ाकर 50%कर दिया गया। पहला टैरिफ 7अगस्त से लागू होगा, जबकि दूसरा 27अगस्त से प्रभावी होगा। यह पहली बार है जब ट्रंप ने रूस के व्यापारिक साझेदारों पर "सेकेंडरी टैरिफ" लगाने का कदम उठाया है। हालांकि, चीन पर टैरिफ को 90दिनों के लिए स्थगित किया गया है। ट्रंप ने संकेत दिया कि भारत के बाद अन्य देशों पर भी सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत ने अमेरिकी फैसले को "अनुचित और अन्यायपूर्ण" बताते हुए तीखी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का तेल आयात बाजार आधारित है और इसका मकसद 140करोड़ नागरिकों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना है। भारत ने स्पष्ट किया कि कई देश अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर समान फैसले ले रहे हैं, फिर भी भारत को निशाना बनाना गलत है। सरकार ने अपने हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने का वादा किया है।
अमेरिका का रुख और भविष्य की आशंका
व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने टैरिफ को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा, जबकि ट्रंप ने भारत और अन्य देशों पर और सैंक्शन की धमकी दी। वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ने की आशंका के बीच भारत अब जवाबी रणनीति पर विचार कर रहा है।
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