
सरकार ने बजट 2016-17 में प्रिंटिड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) जैसे कलपुर्जों तथा बैटरी और चार्जर पर शुल्कों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है। इससे मोबाइल फोन और टैबलेट महंगे होंगे। मेक इन इंडिया में मदद के लिए घरेलू मूल्यवर्धन पर जोर देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कुछ सामान, कच्चे माल, इंटरमीडिएरीज और कलपुर्जों पर सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क में अनुकूल बदलावों पर प्रस्ताव किया। इससे आईटी हार्डवेयर, पूंजीगत सामान, रक्षा उत्पादन और परिधान सहित अन्य क्षेत्रों में लागत में कमी लाने में मदद मिलेगी और घरेलू उद्योग की प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जा सकेगी। बजट में चार्जर, एडाप्टर, बैटरी, वायर वाले हैंडसेट और स्पीकरों पर 10 प्रतिशत का मूल सीमा शुल्क और 12.5 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति शुल्क की छूट को वापस लेने का प्रस्ताव किया गया है। इन दोनों शुल्कों की लागत 29 प्रतिशत से अधिक बैठती है, जिससे इन उत्पादों का आयात महंगा हो जाता है। कार्बन मोबाइल्स के चेयरमैन सुधीर हसिजा ने कहा कि पहली नजर से देखने पर बजट नरेंद्र मोदी सरकार की पहल के अनुरूप दिखता है। हालांकि, इसमें कुछ तत्व ऐसे हैं जो अनुकूल नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मोबाइल विनिर्माता कुछ कलपुर्जों पर शुल्क वृद्धि से प्रभावित होंगे। इन कलपुर्जों का आयात किया जाता है। हम अभी भी बैटरियों और स्पीकरों जैसे कलपुर्जों का आयात करते हैं क्योंकि इनका देश में विनिर्माण नहीं होता। उत्पाद शुल्क में 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी से मेक इन इंडिया में योगदान करना कठिन होगा। बजट में प्रिंटिड सर्किट बोर्ड पर दो प्रतिशत का विशेष अतिरिक्त शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया गया है। इसका इस्तेमाल मोबाइल फोन, लैपटाप और पर्सनल कंप्यूटरों में होता है। इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने कहा कि इस शुल्क के साथ घरेलू स्तर पर बने फोन के दाम एक प्रतिशत बढ़ जाएंगे। हम सरकार से इस शुल्क को वापस लेने का आग्रह करते है।
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