मांग घटने के चलते कोका कोला बंद किए अपने 3 प्लांट्स

मांग घटने के चलते कोका कोला बंद किए अपने 3 प्लांट्स

हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरिजेस (एचसीसीबी) ने भूजल स्तर कम होने और संयंत्र की मशीनरी की स्थिति खराब होने की वजह से जयपुर का काला डेरा स्थित बॉटलिंग संयंत्र बंद कर दिया है। इस संयंत्र को ऐसे समय बंद किया गया है, जब एचसीसीबी 2014 के बाद से तीन संयंत्रों को बंद या उनके विस्तार का काम टाल चुकी है। एससीसीबी, कोका कोला की बॉटलिंग इन्वेस्टमेंट ग्रुप की भारतीय इकाई है, जो भारत में उत्पादों को बोतलबंद करने, वितरण करने व उत्पादों की बिक्री करने का काम करती है। संपर्क किए जाने पर एसचीसीबी ने कहा कि परिचालन अस्थायी रूप से रोका गया है। बहरहाल कंपनी की ओर से जयपुर दीवानी न्यायालय में दायर याचिका में एचसीसीबी ने साफ साफ कहा है कि जलस्तर घटने और संयंत्र में मशीनरी पुरानी पडऩे की वजह से कंपनी यह संयंत्र चालू रखने में सक्षम नहीं है। 

याचिका में कहा गया है, संयंत्र स्थल पर भूजल स्तर नीचे चला गया है। संयंत्र की मशीनें बहुत पुरानी हैं और हमें उत्पादन में दिक्कत हो रही है। इसमें कहा गया है, 'उत्पादन लागत बढऩे की वजह से कंपनी को कारोबार में नुकसान हो रहा है। बुधवार को जारी एक बयान में कंपनी ने कहा, 'हमने काला डेरा में विनिर्माण स्थगित कर दिया है, वहीं हम यहां परिचालन के अन्य कार्य जारी रखेंगे। हम इस संयंत्र के उत्पादन का लाइसेंस भी बहाल रखेंगे। अगर मांग बढ़ती है तो हम काला डेरा संयंत्र का उत्पादन के लिए इस्तेमाल कर सकते है।

कोका कोला ने दिसंबर 1999 में काला डेरा में संयंत्र का परिचालन शुरू किया था। एससीसीबी पर विभिन्न संगठनों का दबाव रहा है, जिसमें इंडिया रिसोर्स सेंटर और स्थानीय स्तर का संगठन काला डेरा संघर्ष समिति शामिल है। ये संगठन वर्षों से कंपनी का विरोध कर रहे है। संयंत्र में भूजल का इस्तेमाल होने की वजह से इलाके में जल स्तर गिरा है, जो स्थानीय स्तर पर विरोध की मुख्य वजह है। 

काला डेरा संघर्ष समिति के महेश योगी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, 'हमारे इलाके में पहले से ही पानी की कमी है। हाल के वर्षो में कोका कोला ने भूजल का अंधाधुंध दोहन किया है, जिससे स्थिति और खराब हो गई है। उन्होंने कहा, इलाके में किसानों को हुए नुकसान और स्थानीय लोगों के जल संकट के लिए कोका कोला की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। कोका कोला ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और मेघालय के ब्रिनिहाट में भी उत्पादन स्थगित कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक संयंत्र बंद करने का फैसला कारोबारी निर्णय है जो दीर्घकालिक आर्थिक व्यवहार्यता और संयंत्र विशेष में विनिर्मित उत्पादों की बाजार मांग को ध्यान में रखकर लिया गया है। हालांकि कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, जहां तक राजस्थान के कालाडेरा संयंत्र का सवाल है, हम फिलहाल उत्पादन स्थगित कर रहे हैं जबकि अन्य परिचालन जारी रहेंगे। हम इस संयंत्र में उत्पादन के लिए लाइसेंस बनाए रखेंगे जो इस बात का सबूत है कि यदि मांग और आकार में बदलाव होता है तो हम कालाडेरा संयंत्र में इस गुप्त क्षमता का उपयोग कर सकते है।

 

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