
केंद्र सरकार निवेश के लिए प्रोतसाहित करने और लोगों की बचत को इक्विटी जैसे हाई-क्वालिटी इन्वेस्टमेंट्स की ओर मोडऩे के तरीकों पर विचार कर रही है। इसके साथ ही आगामी आम बजट में कैपिटल मार्केट में निवेश बढ़ाने के लिए सरकार बड़ी घोषणाएं कर सकती है। एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि सरकार इक्विटी मार्केट्स में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट्स के लिए और इंसेंटिव्स पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, बजट में इक्विटी माकेट्स में लम्बे समय के निवेश के लिए ज्यादा इंसेंटिव्स देने के नए तरीकों पर गौर किया जा रहा है। बैंकों, बीमा सेक्टर, ऐसेट मैनेजमेंट से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनैंसिंग तक तमाम क्षेत्रों में हम फाइनेंशियल सेक्टर को ट्रांसफॉर्म कर रहे है।
वर्तमान में सेक्शन 80सी के तहत 2 लाख रुपए की कुल लिमिट में इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम पर टैक्स इंसेंटिव मिलते हैं। इसके अलावा पहली बार शेयरों में सीधे निवेश करने वालों को राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स स्कीम के जरिए इंसेंटिव दिए जाते हैं। इस स्कीम के तहत अब तक केवल 90 करोड़ रुपए का ही निवेश हुआ है। इस वर्ष भारतीय निवेशकों ने म्युचुअल फंड्स के जरिए इक्विटी मार्केट्स में रिकॉर्ड रकम झोंकी है। इससे विदेशी निवेशकों की निकासी की भरपाई हो गई है। एफपीआई, एफआईआई ने इस वित्त विर्ष में अब तक इक्विटीज से 17562 करोड़ रुपए निकाले हैं, जबकि 1.11 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया था।
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