
सरकार ने संसद में मिड ईयर इकोनॉमिक सर्वे यानी इकोनॉमी की छमाही समीक्षा पेश कर दी है। सरकार ने जीडीपी ग्रोथ अनुमान में कटौती नहीं की है। सरकार ने वित्त वर्ष 2016 के लिए ग्रोथ अनुमान 7-7.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। सरकार ने वित्तीय घाटे के 3.9 फीसदी के लक्ष्य को भी हासिल करने का भरोसा जताया है। वहीं वित्त वर्ष 2016 में रिटेल महंगाई दर 6 फीसदी रहने का अनुमान है। सरकार वित्त वर्ष 2016 के लिए 2.8 फीसदी के राजस्व घाटे के लक्ष्य पर कायम है। सरकार का मानना है कि इकोनॉमी में सुधार हुआ है, लेकिन प्रस्तावित केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी से चुनौती बढ़ेगी। हालांकि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेज ग्रोथ करने वाली इकोनॉमी है। बेहतर वित्तीय हालात और बाहरी स्थितियों में सुधार के चलते ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।
साल 2017 में एक्सपोर्ट बढ़ने की संभावना है। निजी क्षेत्र के निवेश में कमी देखने को मिली है, लेकिन सरकारी निवेश में तेजी आई है। सरकार का कहना है कि दरें घटाने के लिए माहौल अनुकूल है। लेकिन वित्त वर्ष 2017 में वित्तीय हालात चुनौतीपूर्ण होंगे। डिमांड आउटलुक मिलाजुला है और वित्तीय घाटे के लक्ष्य की समीक्षा करना होगा।
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