तीसरे विश्व युद्ध की बज गई घंटी, ईरान के साथ-साथ यमन, सीरिया और इराक ने भी किया इजराइल पर हमला

तीसरे विश्व युद्ध की बज गई घंटी, ईरान के साथ-साथ यमन, सीरिया और इराक ने भी किया इजराइल पर हमला

Israel-Iran War: आज तड़के इजराइल पर ईरान के हमले ने तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी दे दी है। ईरान ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए रविवार तड़के इजराइल पर बड़ा हमला कर दिया। इस दौरान ईरान ने इजराइल पर सैकड़ों ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइलें दागकर दहशत पैदा कर दी। 'आज तड़के, ईरान के साथ-साथ यमन, सीरिया और इराक में ईरानी समर्थकों ने इज़राइल में सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए एक आश्चर्यजनक हमला किया। चौतरफा हमलों से इजराइल स्तब्ध रह गया। हालाँकि, इज़रायली सेना ने इनमें से अधिकांश हमलों को विफल कर दिया। ईरान समेत अन्य देशों के ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने में भी अमेरिका ने इजराइल की मदद की थी।

ईरान के इस हमले ने अब पूरे पश्चिम एशिया को क्षेत्रीय युद्ध के करीब धकेल दिया है। इजरायली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने कहा कि ईरान ने कई ड्रोन, क्रूज मिसाइलें और बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से अधिकांश को इजरायल की सीमाओं के बाहर नष्ट कर दिया गया।उन्होंने कहा कि युद्धक विमानों ने इजरायली हवाई क्षेत्र के बाहर 10 से अधिक क्रूज मिसाइलों को नष्ट कर दिया, लेकिन कुछ मिसाइलें इजरायल में गिरीं। बचाव दल ने कहा कि दक्षिणी इज़राइल के बेडौइन अरब शहर में एक हमले में एक 10 वर्षीय लड़की गंभीर रूप से घायल हो गई। हगारी ने कहा कि एक अन्य मिसाइल ने सैन्य अड्डे पर हमला किया, जिससे वहां मामूली क्षति हुई। हगारी ने कहा, ''ईरान ने बड़े पैमाने पर हमला किया है और तनाव बढ़ा दिया है।

इजरायल कर सकता है जवाबी हमला

ईरान के इस हमले के बाद अब इजरायल भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इससे यूरोप से लेकर मध्य पूर्व तक के देशों में तनाव और बढ़ेगा। हगारी ने कहा कि सेना इजराइल की रक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा वह करेगी। आपको बता दें कि 1 अप्रैल को सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हवाई हमला हुआ था। दो ईरानी जनरलों समेत 7 जवानों की हत्या के बाद ईरान ने बदला लेने की कसम खाई थी। ईरान ने इस हमले के पीछे इजराइल का हाथ होने का आरोप लगाया था। हालाँकि, इज़राइल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद शुरू हुई दशकों की शत्रुता के बाद यह पहली बार है कि ईरान ने इज़राइल पर सीधे हमला किया है।

अमेरिका और UN समेत इन देशों ने की निंदा

इजराइल पर ईरानी हमले के बाद अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, फ्रांस, ब्रिटेन आदि देशों ने ईरान के हमले की निंदा की है। भारत ने इजरायल और ईरान दोनों से शांति बनाए रखने की अपील की है। युद्ध बढ़ने की आशंका को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तुरंत जी-7 देशों की बैठक बुलाई है। उधर, ईरान ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर कहा है कि अगर इजराइल ने अब हमला किया तो वह घातक हमला करेगा।

तीसरे विश्व युद्ध की बज गई घंटी

विशेषज्ञों के अनुसार इजरायल पर ईरान के सीधे हमले ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में में डिप्लोमेसी के असिस्टेंट प्रो। डा। अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि जब अक्टूबर में इजरायल-हमास युद्ध की शुरुआत हुई थी, तभी से यह आशंका बढ़ गई थी कि इसमें अन्य देशों की भी एंट्री होगी। बाद में वही हुआ। इस युद्ध में लेबनान, यमन, सीरिया और ईरान के चरमपंथी गुटों (हिजबुल्ला, हूतिये) जैसे संगठनों ने सीधे इजरायल से युद्ध छेड़ा। अब इजरायल और ईरान में भिड़ंत हो गई है। ऐसा लग रहा है कि इजरायल भी बदला जरूर लेगा। वह इस हमले के बाद चुप नहीं बैठने वाला है। प्रो। अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि इजरायल अमेरिका का स्ट्रैटेजिक पार्टनर है। ऐसे में वह इजरायल की इसमें पूरी मदद करेगा। हालांकि बीच में भले अमेरिका इजरायल पर सख्त हुआ था, मगर इस क्षेत्र में अपनी मजबूती बनाए रखने के लिए अब वह इजरायल को पूरा समर्थन देगा।

रूस और चीन करेंगे ईरान की मदद

प्रो। अभिषेक ने कहा कि ऐसे हालात में इधर रूस और चीन ईरान की मदद करेंगे। वहीं उत्तर कोरिया भी रूस और चीन के साथ है। ऐसे में यह तनाव कोई भी खतरनाक रुख अख्तियार कर सकता है। रूस और यूक्रेन युद्ध पहले से ही चल रहा है। उन्होंने कहा कि जहां तक भारत का सवाल है तो इजरायल और ईरान दोनों ही देशों से हमारे संबंध काफी अच्छे हैं। इसलिए भारत ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है। भारत यह प्रयास भी करेगा कि दोनों पक्षों में शांति कायम हो। साथ ही भारत की प्राथमिकता इजरायल-ईरान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें वहां से बाहर निकालने को लेकर भी रहेगी। मध्य-पूर्व के अन्य देश भी इस युद्ध की चपेट में आएंगे। ऐसे में इसका असर भारत की ऊर्जा जरूरतों पर भी पड़ेगा। ऊर्जा सप्लाई चेन बाधित हो सकती है। मध्य-पूर्व में यह संघर्ष अभी क्या मोड़ लेगा, इस पर भारत-अमेरिका समेत सभी देशों की नजर है।

Leave a comment