भारत की अग्नि से पाकिस्तान ही नहीं...अमेरिका के माथे पर भी लकीरे, वैज्ञानिकों सता रही है इस बात की चिंता

भारत की अग्नि से पाकिस्तान ही नहीं...अमेरिका के माथे पर भी लकीरे, वैज्ञानिकों सता रही है इस बात की चिंता

Agni-V Divyastra Test: भारत की हाल में किए गए अग्नि-5 मिसाइल दिव्यास्त्र के सफल परीक्षण के बाद पाकिस्तान ही नहीं बल्कि अमेरिका भी चिंतित है। अमेरिकी वैज्ञानिकों का कहना है कि ये मिसाइल एमआईआरवी तकनीक से लैस है, जो पाकिस्तान को निरस्त्र कर सकती है। वैज्ञानिकों को डर है कि इससे भारत की ताकत इतनी बढ़ जाएगी कि पाकिस्तान जैसे देश उस पर हमला करने से पहले ही नष्ट हो जाएंगे। इससे भारत के सैन्य थिंक टैंक को इतनी ताकत मिल जाएगी कि वह पाकिस्तान पर हमला करने से पहले ही उसे तबाह कर देगा। इस तकनीक के भारत में आने से पाकिस्तान हमला करने से पहले 100 बार सोचेगा।

फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स में परमाणु सूचना के निदेशक हंस क्रिस्टेंसन ने अग्नि-V के परीक्षण पर निराशा व्यक्त की है। उनका कहना है कि अमेरिका और रूस ने START II संधि के तहत MIRV पर प्रतिबंध लगाया था। उन्होंने कहा कि भारत के इस परीक्षण से ऐसा लगता है कि प्रतिबंध लगाना दोनों देशों का कम समझदारी वाला फैसला था क्योंकि अन्य देश इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं।

साल 2021 में हैंस क्रिस्टेंसन ने एक लेख में यह भी लिखा था कि अगर भारत अपनी बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए MIRV तकनीक विकसित करने में सफल हो जाता है, तो वह कम मिसाइलों से कई लक्ष्यों पर हमला कर सकता है। उन्होंने चिंता जताई कि MIRV भारत की ताकत इतनी बढ़ा देगा कि वह दुश्मन के हमला करने से पहले ही उसके अहम ठिकानों को तबाह कर देगा। ऐसे में भारतीय निर्णयकर्ता तनाव की स्थिति में पाकिस्तान के हथियारों को पहले ही नष्ट कर भारतीय एमआईआरवी मिसाइलों को निष्क्रिय कर देंगे।

MIRV टेक्नोलॉजी होती क्या है?

MIRV टेक्नोलॉजी मिसाइल को ऐसी ताकत दे देती है कि वह एक ही बार में कई लक्ष्यों को भेद सकती है। इसमें कई हथियारों या मिसाइलों को फिट किया जा सकता है, जिससे इसको यह पावर  मिल जाती है कि एक मिसाइल  ही एकग समय पर हमला कर सकती  है या फिर एक लक्ष्य पर हमला करने के लिए एक ही समय पर कई मिसाइलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस खासियत की वजह से MIRV मिसाइल को एंटी-मिसाइल से पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है। साल 1970में अमेरिका ने यह टेक्नोलॉजी विकसित की और 1971में MIRV से लैस सबमरीन-लॉन्चड बैलिस्टिक मिसाइल तैयार की।

अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण

भारत ने 11 मार्च को अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को बधाई दी थी। अग्नि-5 मिसाइल का वजन 50 हजार किलोग्राम है और यह 17.5 मीटर लंबी है। इसकी क्षमता 1500 किलोग्राम वजनी परमाणु हथियार ले जाने की है। इसमें तीन चरण वाले रॉकेट बूस्टर हैं, जो ठोस ईंधन पर उड़ते हैं। इसकी गति ध्वनि की गति से 24 गुना अधिक है। यह मिसाइल 29,402 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला कर सकती है।

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