Uttarakhand Forest Fire: इन दिनों उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके जंगल की आग की चपेट में हैं। इस फायर सीजन में जंगल में आग लगने की 886 घटनाएं हुई हैं। इससे अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और पांच लोगों की मौत हो गई हैं। वहीं, करीब 1107 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
उत्तरकाशी जिले की बाड़ाहाट रेंज से लेकर धरासू रेंज तक के जंगल जल रहे हैं। विभाग के रिकार्ड पर नजर डालें तो अब तक 19.55 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है। धुएं के कारण जहां लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, वहीं वन विभाग आग बुझाने में मशक्कत कर रहा है।
अब तक जंगल में आग लगने की 27 घटनाएं दर्ज
दरअसल, बाराहाट रेंज के जंगलों में गुरुवार की शाम फैली आग शनिवार को भी नहीं बुझ सकी। वहीं, मुखेम रेंज के डांग और पोखरी गांव से सटे जंगल के साथ डुंडा रेंज के चामकोट और दिलसौड़ क्षेत्र के जंगल भी आग की चपेट में हैं। शनिवार दोपहर डुंडा रेंज के जंगल पूरे दिन जलते रहे।
वहीं, धरासू रेंज में फ़ेड़ी और सिल्क्यारा से सटे जंगल भी जलते हुए देखे गए। वन विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक उत्तरकाशी वन प्रभाग में 19.55 हेक्टेयर जंगल जंगल की आग से जलकर राख हो चुका है। अब तक जंगल में आग लगने की 27 घटनाएं दर्ज की गई हैं।
आग पर नियंत्रण के लिए बढ़ाए गए संसाधन
जंगल में आग लगने से बहुमूल्य वन संपदा के साथ-साथ वन्य जीवों को भी नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है। लेकिन वन विभाग जंगल की आग को रोकने के लिए कोई सार्थक प्रयास करता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि, वन विभाग का कहना है कि जंगल की आग पर नियंत्रण के लिए संसाधन बढ़ाए गए हैं।
इधर, जिले में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग को आपदा प्रबंधन मद में 20 लाख रुपये की राशि आवंटित की गयी है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने सभी संबंधित विभागों को धनराशि आवंटित कर वनों की आग पर काबू पाने के लिए संयुक्त रूप से प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
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