11 या 12... इस दिन मनाया जाएगा रक्षाबंधन का पावन त्योहार, जानें इसकी महत्वता

11 या 12... इस दिन मनाया जाएगा रक्षाबंधन का पावन त्योहार, जानें इसकी महत्वता

नई दिल्ली: भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है,यहां समय-समय पर कोई त्योहार मनाया जाता है। इसी तरह भाई-बहन को दर्शाता एक त्योहार है रक्षा बंधन। वही इस साल रक्षाबंधन को 11अगस्त 2022को मनाया जाएगा।वहीं कुछ लोग 11 अगस्त, 2022 को रक्षाबंधन बता रहे हैं तो कुछ 12 अगस्त को त्योहार होने का दावा कर रहे है। इसके अलावा रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्योहार को देशभर में अलग-अलग नाम से जाना जाता है और इसी सन्दर्भ में हम आपके लिए रक्षा बंधन से जुड़ी रोचक जानकारी लेकर आये हैं।

बता दें कि, हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त , गुरुवार के दिन पूर्वाह्न 10 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर उसके अगले दिन 12 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि कोई भी त्योहार उदयातिथि के हिसाब से मनाया जाता है इसलिए इस बार रक्षाबंधन का पर का पर्व 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन भाई को राखी बांधने से पहले स्नास करके एक थाली में रोली,चंदन,अक्षत,दही,मिठाई,शुद्ध घी का दीपक और अपने भाई के राशि के अनुसार धागे से बनी या फिर रेशम के धागे से बनी राखी रखें। इसके बाद अपने भाई को पूर्व या उत्तर दिशा में खड़ा कर दें। इसके बाद उसे तिलक लगाकर दाएं हाथ की कलाई में रक्षासूत्र या फिर कहें राखी बांधें। इसके बाद भाई की आरती उताकर मिठाई खिलाकर उसके उज्जवल भविष्य की कामना करें।

रक्षाबंधन से जुड़ा एक इतिहास दिल को छू जाने वाला है। दरअसल, राजपूत जब युद्ध करने जाया करते थे उस समय राजघराने की महिलाएं उनके माथे पर तिलक के साथ-साथ कलाई में रेशम का धागा बांधा करती थी। जिससे यह विश्वास रहता था कि राजा युद्ध में विजयी होकर बिल्कुल सही सलामत वापस आ जाएंगे।वहीं रक्षाबंधन से जुड़ी एक और कथा बेहद प्रसिद्ध है जिसमें एक बार बहादुरशाह ने मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया था और रानी यह बात बहुत अच्छे तरह से जानती थी कि वह अकेले युद्ध करके नहीं जीत सकती है। जिसके बाद रानी ने अपनी प्रजा को बचाने के लिए मुगल बादशाह हुमायूं को एक पत्र और राखी भेज कर रक्षा की याचना की। हुमांयू एक मुसलमान था फिर भी उसने रानी कर्मावती की भेजी हुयी राखी की लाज रखी और बहादुरशाह से लड़ते हुए मेवाड़ की रक्षा की।

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