मोहन भागवत की मोदी सरकार से अपील, बोले -मणिपुर एक वर्ष से अशांत, उस ओर ध्यान देने की आवश्यकता

मोहन भागवत की मोदी सरकार से अपील, बोले -मणिपुर एक वर्ष से अशांत, उस ओर ध्यान देने की आवश्यकता

Mohan Bhagwat big message to Modi 3.0: लोकसभा चुनाव संपन्न होने और नई सरकार के गठन के बाद RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मोदी सरकार को बड़ी सलाह दी है। संघ प्रमुख ने मोदी सरकार से कहा कि मणिपुर एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है। मणिपुर सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। सरकार को उत्तर-पूर्वी राज्य में शांति स्थापित करने पर ध्यान देना चाहिए। भागवत ने चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे की आलोचना करने और तकनीक का इस्तेमाल कर झूठ फैलाने की भी आलोचना की और इसे गलत बताया।

RSS प्रमुख मोहन भागवत नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में आयोजित संघ कार्यकर्ता विकास वर्ग-2 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। लोकसभा चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद अपने पहले संदेश में मोहन भागवत ने कहा कि चुनाव आम सहमति बनाने की प्रक्रिया है। ऐसी व्यवस्था है कि संसद में किसी भी प्रश्न के दोनों पक्ष सामने आ सकें।

राजनीति में कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं होता, बल्कि...

भागवत ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह से लोग एक-दूसरे की आलोचना कर रहे थे, तकनीक का दुरुपयोग कर रहे थे और झूठ फैला रहे थे, वह बिल्कुल भी सही नहीं था। विपक्षी दलों को विरोधी कहना ठीक नहीं है। राजनीति में कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं होता, बल्कि उसे प्रतिद्वंद्वी की बजाय विपक्ष कहना ज्यादा बेहतर होगा। भागवत ने कहा कि बाहरी विचारधाराओं के साथ समस्या यह है कि वे खुद को जो सही है उसका एकमात्र संरक्षक मानते हैं। कुछ लोग अलग-अलग कारणों से भारत आए धर्मों और विचारों के अनुयायी बन गए लेकिन हमारी संस्कृति में इससे कोई समस्या नहीं है। हमें बस इस मानसिकता से छुटकारा पाना होगा कि केवल हम ही सही हैं। बाकी सब सही नहीं हो सकता।

अब चुनाव के जुनून से मुक्त होकर काम करने का समय

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने चुनाव खत्म होने के बाद दिए अपने बयान में कहा कि चुनाव खत्म हो गए हैं। नतीजे आ गए हैं। ऐसा क्यों हुआ, वैसा क्यों हुआ, अब इस पर चर्चा हो रही है। चुनाव के अपने नियम होते हैं। समाज ने अपनी राय दे दी है, सब कुछ उसके हिसाब से होगा। आइए इस चर्चा में न पड़ें कि क्यों, कैसे, क्या हुआ। चुनाव एक ऐसी घटना है जो लोकतंत्र में हर पांच साल में होती है। हम अपना कर्तव्य निभाते रहें। लोकमत का प्रयोग हर चुनाव में होता है और इस बार भी किया गया है। चुनाव आम सहमति बनाने की एक प्रक्रिया है। चुनाव एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें किसी भी प्रश्न के दोनों पक्षों को संसद में प्रस्तुत किया जाता है। अब चुनावी उन्माद से बाहर आने का समय आ गया है। हमें चुनाव के जुनून से मुक्त होकर देश की समस्याओं के बारे में सोचना होगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है। इस पर प्राथमिकता से विचार करना होगा। मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए वास्तविक प्रयास करने की जरूरत है।

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