Nipah outbreak: निपाह वायरस को लेकर केरल में स्कूल- बैंक बंद करने का आदेश, जानें क्या है निपाह वायरस?

Nipah outbreak: निपाह वायरस को लेकर केरल में स्कूल- बैंक बंद करने का आदेश, जानें क्या है निपाह वायरस?

Nipah Virus: जिले में निपाह वायरस के प्रकोप के कारण केरल के कोझिकोड जिले में स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर आदि सहित सभी शिक्षा संस्थान 14 और 15 सितंबर को बंद रहेंगे। सभी संस्थानों में छुट्टी की घोषणा कर दी गई है, जो आंगनबाड़ियों, मदरसों और पेशेवर कॉलेजों पर भी लागू होती है। दुर्लभ और घातक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, परीक्षा की तारीखों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. शिक्षण संस्थान इन दिनों में ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कर सकते हैं। हालिया अपडेट के अनुसार, प्रकोप के बाद से कुल 5 रोगियों ने वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है। सकारात्मक परीक्षण करने वाला अंतिम मरीज कोज़ीकोड जिले के एक निजी अस्पताल में 24 वर्षीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता था। कुल 5 संक्रमित मरीजों में से 2 की वायरस संक्रमण से मौत हो चुकी है।

क्या है निपाह?

निपाह एक Zoonotic Disease है. इसके मायने हैं कि इसका संक्रमण, संक्रमित जानवरों या दूषित खाने की चीजों से मनुष्यों में फैलता है. WHO का कहना है कि निपाह का संक्रमण एक संक्रमित व्यक्ति के नजदीक रहने से दूसरे व्यक्ति में भी फ़ैल सकता है. इंसानों में निपाह वायरस का संक्रमण पहली बार साल 1998 में मलेशिया और साल 1999 में सिंगापुर में रिपोर्ट किया गया था. इस वायरस का नाम मलेशिया के उसी गांव के नाम पर रखा गया, जहां के एक व्यक्ति में इसका वायरस सबसे पहले आया था. उस व्यक्ति की मौत हो गई थी.

निपाह का वायरस, इंसानों में जानवरों के जरिए दूषित खाने से आता है. अमेरिकी संस्थान CDC के मुताबिक, कच्चे खजूर का रस या फल जो संक्रमित चमगादड़ों की लार या पेशाब के कारण दूषित हो जाते हैं, उनके सेवन से निपाह हो सकता है. कोविड वायरस की तुलना में निपाह वायरस कहीं धीरे फैलता है. लेकिन ये कोरोना से कहीं ज्यादा जानलेवा है.  RT-PCR टेस्ट के जरिए निपाह की पुष्टि की जा सकती है. उसके बाद इलाज किया जाता है. मृत्यु दर ज्यादा होना, निपाह को बेहद खतरनाक बनाता है.

कैसे करें बचाव?

इस बीमारी से बचने के लिए कुछ सावधानियां रखनी बेहद जरूरी है. उन इलाकों में, जहां ये बीमारी पहले पाई जा चुकी है, वहां लोगों को अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोना चाहिए. चमगादड़ों और सुअरों के संपर्क में आने से बचना चाहिए. उन क्षेत्रों में न बसें जहां चमगादड़ रहते हैं. कच्चे खजूर के रस का सेवन करने से बचना चाहिए. निपाह वायरस से इन्फेक्टेड इंसान के शरीर से निकले तरल पदार्थों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।

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