UP में BJP को मिली शिकस्त का दिखने लगा असर, कैबिनेट में किस समुदाय कि कम हुई भागीदारी?

UP में  BJP को मिली शिकस्त का दिखने लगा असर, कैबिनेट में किस समुदाय कि कम हुई भागीदारी?

Modi 3.0 Cabinet: तीसरी बार देश की जनता ने सत्ता की कमान पीएम मोदी के हाथों में दे दी है। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के साथ 72 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया। 72 सदस्यीय मंत्रिमंडल में इस बार 10 मंत्री उत्तर प्रदेश के बनाए गए। चुंकि इस बार उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सीटें कम हुई है।

 पार्टी सिर्फ 33 सीटें ही हासिल कर पाई ऐसे में सीटें घटने का सियासी प्रभाव मंत्रिमंडल पर पड़ा है। मोदी सरकार में उत्तर प्रदेश से पहले और दूसरे कार्यकाल के तुलना में तीसरे कार्यकाल में मंत्रियों की संख्या में कमी आई है। राजनाथ सिंह और हरदीप सिंह पुरी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है तो वहीं जितिन प्रसाद और जयंत चौधरी को स्वतंत्र प्रभार (राज्य मंत्री) के पद पर शपथ ली है। वहीं इनके अलावा बाकी सात राज्य मंत्री बनाए गए हैं। इसके साथ ही एनडीए के सहयोगी दल आरएलडी के प्रमुख जयंत चौधरी और अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल को मंत्री पद मिला है।

कई जातियों की संख्या घटी

जहां 2014 और 2019 के मोदी के कार्यकाल में यूपी से 15-15 मंत्री बनाए गए थे तो वहीं इस बार 10 नेताओं को मंत्री बनाया गया है। संख्या में कमी आने के साथ इस बार कई जातियों को प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका है। इस बार ब्राह्मण समुदाय की संख्या घट गई है। बता दें, जितिन प्रसाद इकलौते ब्राह्मण मंत्री यूपी से बने हैं,  तो वहीं 2014 और 2014 में ब्राह्मण समाज से दो मंत्री थे। इनके अलावा दलित मंत्री की संख्या कम हो गई है।

निषाद समुदाय को नहीं मिला मौका

2014 और 2019 में दलित मंत्रियों की संख्या बढ़ी थी लेकिन इस बार एक घट गई। निरंजन ज्योति की चुनाव में हार हुई थी जिसके चलते निषाद समुदाय से इस बार किसी को मौका यूपी से नहीं मिला। इसके साथ ही स्मृति ईरानी के चुनाव हार जाने के चलते पारसी समुदाय को भी जगह नहीं मिल पाई। भाजपा से भूमिहार समाज का कोई भी सांसद नहीं बना है जिसके वजह से किसी को मंत्री पद नहीं मिल सका है।

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