बिहार में इन जातियों को साधने से चूक गई BJP, क्या विधानसभा चुनाव में हो सकता है नुकसान?

बिहार में इन जातियों को साधने से चूक गई BJP, क्या विधानसभा चुनाव में हो सकता है नुकसान?

Modi 3.0 Cabinet: लोकसभा चुनाव संपन्न हो गए। पीएम मोदी अगले पांच सालों के लिए एक बार फिर प्रधानमंत्री बन गए। मोदी 3.0 में मोदी के अलावा 71 मंत्रियों ने शपथ लिया। इन 71 मंत्रियों में से 8 मंत्री बिहार के बनाए गए। दरअसल, इस मंत्रिमंडल का गठन आने वाले दिनों में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव है उनको ध्यान में रखकर किया गया है। इसमें एक बिहार भी है जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होना है।

वही बिहार के कुछ जातियों को मंत्रिमंडल में जगह ना मिल पाना भाजपा के लिए आने वाले समय में विधानसभा चुनाव में मुश्किल खड़ी कर सकता है। जैसे की नीतीश कुमार का आधार वोट बैंक कुर्मी और कुशवाहा समाज है। लेकिन बीते लोकसभा चुनाव में कुशवाहा समाज ने एनडीए को छोड़कर महागठबंधन को वोट किया। अब असली परीक्षा विधानसभा चुनाव में होनी है।

बीजेपी पर उठेंगे सवाल

आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए की ओर से कुर्मी जाति से आने वाले नीतीश कुमार होंगे तो वहीं कुशवाहा समाज से आने वाले सम्राट चौधरी बड़ा चेहरा होंगे। ऐसे में अब ये सवाल जरूर उठेंगे कि पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में कुशवाहा समाज को एक भी सीट मंत्रिमंडल में क्यों नहीं दिया गया। इनके अलावा आरजेडी आगामी विधानसभा चुनाव में रविदास और राजपूत समाज को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने को लेकर भी अवसर के तौर पर देख रही है।

मिथिलांचल में गया गलत संदेश

मुसहर समाज से जीतन राम मांझी और पासवान समाज से चिराग पासवान दो दलित के बड़े चेहरे केंद्र में मंत्री बनाए गए हैं। ऐसे में रविदास को दरकिनार किए जाने की बात कही जा रही है जिसको आरजेडी ने साधना शुरू कर दिया है। इसके अलावा भाजपा ने सतीश चंद दूबे को मंत्री बनाकर के ब्राह्मणों को साधने का प्रयास किया लेकिन मिथिला के ब्राह्मण बिहार की राजनीति में हिस्सेदारी को लेकर हमेशा से मुखर रहते हैं। कहा जा रहा है कि संजय झा को मंत्री ना बनाए जाने पर मिथिलांचल में गलत संदेश गया है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए कितना चुनौतीपूर्ण होगा ये देखना होगा।

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