भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शामिल आतंकी संस्थाओं की सूची बनाएं और आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाए

भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शामिल आतंकी संस्थाओं की सूची बनाएं और आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाए

नई दिल्ली. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधों की व्यवस्था से महिला, शांति और सुरक्षा से जुड़े विषयों को प्रभावी ढंग से जोड़ने की जरूरत है, साथ ही उसने कहा कि सशस्त्र संघर्षों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में लिप्त आतंकवादी संगठनों को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल करना चाहिए.

भारत ने सुरक्षा परिषद में महिला, शांति एवं सुरक्षा विषय पर खुली चर्चा के दौरान गुरुवार को एक बयान में कहा कि "आतंकवादियों द्वारा महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ जो हिंसा हो रही हैं उसकी हमे कड़ी निंदा करनी चाहिए. महिलाओं की ऊंचा लक्ष्य बनानें वाली गल्त हिंसा उस आधार को तहस-नहस कर देती हैं. जिस पर सभ्य समाज टिका हुआ है.

भारत ने कहा कि संघर्ष के बाद के हालात में लोकतांत्रिक ढांचों का विकास करना और कानून का शासन कायम करना, महिलाओं के प्रति असमानताओं को दूर करने कि लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. इससे साथ ही एवं समग्र विकास में महिलाओं के अर्थपूर्ण योगदान को सुनिश्चित करने में मददगार होगा.

भारत ने कहा, कि ‘‘यह आवश्यक है कि परिषद ‘महिला, शांति एवं सुरक्षा’ विषयों को प्रतिबंधों की व्यवस्था से प्रभावी ढंग से जोड़ने के प्रयास करे. और महिलाओं कि खिलाफ हिंसा में लिप्त आतंकवादी संगठनों को प्रतिबंधित संगठनों को सूचीबद्ध करने सहित प्रतिबंधों में डब्ल्यूपीएस (महिला, शांति और सुरक्षा) विचारों को प्रभावी ढंग से एकीकृत करने का प्रयास करे.

भारत ने कहा कि कि संषर्घ और मानवीय संकटों की वजह से ही महिलाओं और लड़कियों को प्रगति की राह पर आगे बढ़ने से पहले से ही रोक रखा है.

भारत ने आगे कहा कि कोविड-19 के कारण आए आर्थिक असर तथा स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र पर पड़े अतिरिक्त बोझ के कारण युद्धग्रस्त, कमजोर और मानवीय संदर्भों में महिलाएं और लड़कियां और भी अधिक जोखिम में हैं.

भारत ने कहा कि एक्शन फॉर पीसकीपिंग पहल के जरिए सदस्य देश महिला, शांति एवं सुरक्षा एजेंडे को लागू करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं और ऐसा वह शांतिरक्षा मिशनों में महिलाओं की संख्या को बढ़ाकर कर रहे हैं.हालांकि संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के बावजूद शांतिरक्षा मिशनों में सैन्यकर्मियों में महिलाओं की संख्या महज 5.4 फीसदी और पुलिसकर्मियों में महज 15.1 फीसदी है.

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