नई दिल्ली: भारत को कृषि प्रधान देश माना जाता है। यहां हर राज्य में अलग-अलग तरीकें से कई प्रकार की फसलें उगाई जाती है। यहां ग्रामीण समुदायों में अधिक मात्रा में कृषि कार्य किया जाता है। लगभग 70% भारतीय लोग किसान हैं। जो भारत देश के रीढ़ की हड्डी के समान है। भारत में कई तरीके की खेती की जाती है, जिसमें से एक है हाइड्रोपोनिक्स खेती(Hydroponic Farming)
क्या है हाइड्रोपोनिक्स खेती
हाइड्रोपोनिक्स खेती बिना मिट्टी के सिर्फ पानी के जरिए की जाती है। यह एक आधुनिक खेती है, जिसमें पानी का इस्तेमाल करते हुए जलवायु को नियंत्रित करके खेती की जाती है। पानी के साथ थोड़े बालू या कंकड़ की जरूरत पड़ सकती है। इसमें तापमान 15-30 डिग्री के बीच रखा जाता है, और नमी को 80-85 फीसदी रखा जाता है। पौधों को पोषक तत्व भी पानी के जरिए ही दिए जाते हैं।
हाइड्रोपोनिक खेती के फायदे
कैसे करे हाइड्रोपोनिक की खेती
ये खेती पाइपों के जरिए होती है। इनमें ऊपर के तरफ से छेद किए जाते हैं और उन्हीं छेदों में पौधे लगाए जाते हैं। पाइप में पानी होता है और पौधों की जड़ें उसी पानी में डूबी रहती हैं। इस पानी में वो हर पोषक तत्व घोला जाता है, जिसकी पौधे को जरूरत होती है। इसमें सबसे कम खर्च कि लागत आती है। कोई भी सामान्य व्यक्ति को अपने घर की छत या अंगन में लगा सकता है।
कौन-कौन सी फसले उगाई जाती है
शिमला मिर्च, मटर, मिर्च, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, तरबूज, खरबूजा, अनानास, अजवाइन, तुलसी,गाजर, शलजम, ककड़ी, मूली, आलू आदि |
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