कांग्रेस की गुटबाज़ी हुई जगज़ाहिर सड़क पर दिखा संग्राम

कांग्रेस की गुटबाज़ी हुई जगज़ाहिर सड़क पर दिखा संग्राम

हरियाणा के चुनावी रण में योद्धाओं को उतारने से पहले, खुद सियासी दल, योद्धाओं के नाम तय करने के मामेल में भारी माथापच्ची से गुजर रहे हैं। बीजेपी के लिए 12 सीटें उसकी उलझन बनी हुई हैं, जिनपर पार्टी को दवाब की राजनीति के साथ नाराजगी का भी सामना करना पड़ रहा है, तो वहीं कांग्रेस में तो हाल और भी बेहाल है।

जिस गुटबाज़ी को खत्म करने के लिए पार्टी आलाकमान ने नेतृतक्व में परिवर्तन किया था। वही बदलाव अब उसके गले की फांस बनता नजर आ रहा है। उम्मीदवारों के नामों को लेकर एक बार फिर कांग्रेस की गुटबाज़ी खुलकर सामने आ गई है। और इस बार किसी कांन्फ्रेंस हॉल में नहीं बल्कि सड़क पर पार्टी का बिखराव उतर आया है।

एक तरफ देशभर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाई जा रही थी, तो दूसरी तरफ गांधी के सिद्धांतों, आदर्शों और पद चिन्हों पर चलने का दावा करने वाली कांग्रेस में गुटबाज़ी जगजाहिर हो रही। हरियाणा कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर बगावती तेवर कुछ इस तरह से तेज हुए, कि देश की राजधानी दिल्ली में उसकी गूंज सुनाई दी। दिल्ली में अशोक तंवर समर्थकों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, और नारेबाजी की कांग्रेस ने अब तक हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है। पार्टी नेता अभी सिर्फ नामों पर मंथन ही कर रहे हैं। तंवर समर्थकों ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा और गुलाब नबी आजाद के खिलाफ नारेबाजी की तंवर ने साफ शब्दों में कहा कि कुछ लोग कांग्रेस का नाश करने आए हैं, कांग्रेस को उनसे बचाना होगा।

10 जनपथ पर अशोक तंवर ने अपने समर्थकों के साथ, पार्टी के ही दूसरे नेताओं के खिलाफ खुलकर आरोप लगाए मंगलवार रात से ही तंवर समर्थकों का ये हाई वोल्टेज ड्रामा दस जनपथ पर चल रहा है। बुधवार को खुद अशोक तंवर ने इसकी कमान संभाली और खुलकर पूर्व सीएम  भूपेंद्र हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, और गुलाम नबी आजाद पर आरोप लगाए अकेले तंवर ही ऐसे नेता नहीं हैं, जिन्होंने बगावती सुर अपनाए हैं। कांग्रेस कैंपेन कमेटी अध्यक्ष अजय यादव का भी नाम उन नेताओं में शामिल है, जिन्होंने बागी तेवर दिखाए हैं। उम्मीदवारों के नाम तय करने वाली कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के फैसले पर ही कैप्टन अजय यादव ने सवाल उठाए, और कमेटी के फैसले को शर्मनाक बताया अजय यादव ने साफ कहा कि पार्टी के लिए पांच साल काम करने वालों को तवज्जो नहीं दी गई, और उन्हें दरकिनार किया गया टिकट वितरण पर कांग्रेस में जहां कलह और गुटबाज़ी देखने को मिल रही है, तो वहीं बीजेपी के लिए 12 सीटों पर नाम तय करना जी का जंजाल बना हुआ है। क्योंकि यहां भी टिकट का दावा बगावत का झंडा बुलंद करता नजर आ रहा है।

वक्त बहुत कम है और उममीदवारों के नाम तय करने करना काफी मुश्किल कांग्रेस की लिस्ट तो बनकर तैयार हो गई है लेकिन जिस तरह बगावती सुर बुलंद हुए हैं, उसके बाद पार्टी अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी या नहीं ये कहना जरा मुश्किल है। वहीं बीजेपी के लिए अपने कद्दावर नेता राव इंद्रजीत की मांग को पूरा करना अपने उसूलों से समझौते के समान हो गया है। इस लिए बीजेपी के सामने धर्म संकट की स्थिति बनी हुई है। अब देखना ये होगा कि टिकट पर मचा कलह सियासी दलों को कितना भारी पड़ता है, और नतीजों पर क्या असर डालता है।

 

 

 

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