Budget 2024: अंतरिम बजट में सरकार क्यों नहीं करती कोई बड़ा ऐलान? जानें कैसा रहा अब तक ये बजट

Budget 2024: अंतरिम बजट में सरकार क्यों नहीं करती कोई बड़ा ऐलान? जानें कैसा रहा अब तक ये बजट

Budget 2024: 1 फरवरी को देश की वित्त मंत्री निर्ला सीतारमण 2024 का अंतरिम बजट पेश करने वाली हैं। वित्त मंत्रालय की 'अंतरिम बजट 2024' की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंतरिम बजट क्यों पेश किया जाता है और इस दौरान सरकार की ओर से कोई बड़ा ऐलान क्यों नहीं किया जाता है? आइये जानते हैं इसका कारण-

आखिर क्‍यों नहीं की जाती कोई बड़ी घोषणा?

अंतरिम बजट के दौरान सरकार की ओर से कोई बड़ा ऐलान नहीं किया जाता। इसका कारण यह है कि पूर्ण केंद्रीय बजट पेश करने वाली अगली निर्वाचित सरकार को वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ सकता है। चुनाव आयोग की आचार संहिता के मुताबिक सरकार अंतरिम बजट में कोई बड़ी योजना शामिल नहीं कर सकती क्योंकि इससे मतदाता प्रभावित हो सकते हैं। सरकार अंतरिम बजट के साथ आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश नहीं करती है, जो मुख्य बजट पेश होने से एक दिन पहले आयोजित किया जाता है।

जानिए इस बजट से क्या उम्मीद की जा सकती है

अंतरिम बजट केंद्रीय बजट के समान होता है। इसमें सत्तारूढ़ सरकार अपने व्यय, राजस्व, राजकोषीय घाटा और वित्तीय प्रदर्शन और आगामी वित्तीय वर्ष के लिए अनुमान संसद में पेश करती है। हालांकि, कोई बड़ा कर प्रस्ताव नहीं किया गया है। सत्तारूढ़ सरकार कुछ टैक्सों में बदलाव कर सकती है। इससे पहले सरकार ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वेतनभोगी वर्ग को राहत देने के लिए आयकर कटौती की सीमा बढ़ा दी थी।

पहले अंतरिम बजट में की गई कुछ अहम घोषणाओं के बारे जानें-

2014 में अंतरिम बजट पेश करते हुए UPAसरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने वन रैंक वन पेंशन (OROP) लागू करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने एजुकेशन लोन के नियमों में बड़ा बदलाव किया और मोरेटोरियम अवधि की घोषणा की। यह मोरेटोरियम अवधि 31 मार्च 2009 तक लिए गए एजुकेशन लोन पर लागू की गई थी। 2019 में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश करते हुए तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने इनकम टैक्स स्लैब के साथ-साथ कई सरकारी योजनाओं में बदलाव की घोषणा की गई थी।

पीयूष गोयल ने 2019 के अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत केंद्र सरकार गरीब किसानों के खाते में हर साल तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपये ट्रांसफर करती है। इसके साथ ही 2019 के अंतरिम बजट में सरकार ने सैलरी क्लास को बड़ी राहत देते हुए टैक्स स्लैब में स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी थी। 5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले लोगों को भी कर से मुक्त घोषित किया गया।

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