फिल्म रॉय का नहीं चला जादू

 फिल्म रॉय का नहीं चला जादू

रॉय के बारे में दावा किया गया था कि इसमें ड्रामा, रोमांस, रोमांच, एक्शन सब कुछ है, लेकिन सच्चाई यही है कि इसमें न तो ड्रामा है, न एक्शन और न थ्रिल। हां, रोमांस जरूर है, लेकिन वेलेंटाइन डे वाला रोमांस नहीं। एक बड़ी उदास किस्म की प्रेम कहानी है, जिसका अंत बॉलीवुड की पारम्परिक प्रेम कहानियों की तरह होता है। 

एक्शन के नाम पर बस एक सीन है। ढाई घंटे की इस फिल्म के आधे घंटे कम कर दिए जाते तो शायद यह ज्यादा कसी हुई होती। रणबीर के किरदार की लंबाई कम है, पर वह पूरे फिल्म में फैली है। अर्जुन रामपाल का एक निर्देशक के रूप में अभिनय ठीक है। 

अपनी दमदार आवाज की बदौलत वह अपने किरदार को ठीकठाक खींच ले गए हैं। डबल रोल में जैक्लीन के पास खुद को सिद्ध करने का स्कोप था, लेकिन दोनों भूमिकाओं को उन्होंने एक ही तरह निभाया है। बस मेकअप और स्टाइलिंग में फर्क है।

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