रॉय : पोस्टर में दिखाए चेहरे की तरह कहानी भी ओवरलैप

रॉय : पोस्टर में दिखाए चेहरे की तरह कहानी भी ओवरलैप

रणबीर कपूर, जैकलीन फर्नाडिज और अर्जुन रामपाल स्टारर फिल्म रॉय से विक्रमजीत सिंह बतौर डायरेक्टर डेब्यू करने जा रहे है. फिल्म में रणबीर कपूर के बावजूद ये फिल्म दर्शकों के सब्र का कड़ा इम्तेहान लेती है और अंत में कहीं भी नहीं पहुंचती.

कहानी

फिल्म में कहानी की शुरूआत निर्देशक कबीर ग्रेवाल (अर्जुन रामपाल) से होती है. वह अपनी हिट फिल्म गन्स का तीसरा पार्ट बनाने में लगा हुआ है. कबीर की कहानी में रॉय का किरदार होता है. रॉय (रणबीर कपूर) एक शातिर चोर है.

फिल्म की शूटिंग के दौरान कबीर की मुलाकात आयशा आमिर (जैकलीन फर्नाडिज) से होती है. कबीर को आयशा से प्यार हो जाता है. वह आयशा को फिल्म में टिया का रोल देता है. कबीर की जिंदगी में आयशा है तो रॉय की जिंदगी में टिया. कहानी में टि्वस्ट तब आता है जब आयशा फिल्म की शूटिंग खत्म कर चली जाती है. यह जानना है कि एक तरफ फिल्म पूरी बन पाती है या नहीं, दूसरी तरफ रॉय चोरी कर पाता है या नहीं. 

फिल्म का सस्पेंस इंटरवल तक ही ज़ाहिर हो जाता है. इसके बाद बस यही लगता है कि फिल्म ख़त्म क्यों नहीं हो रही. एक सीन में फिल्म निर्देशक बनी आयशा (जैकलीन) कहती है अगर कहानी सही दिशा में ना जा रही है, तो उसे खत्म कर देना चाहिए. बेकार में खींचने का कोई फ़ायदा नहीं होता. रॉय पर ये डायलॉग पूरी तरह लागू होता है.

अर्जुन रामपाल अपने रोल में बहुत अच्छे लगे हैं. काश स्क्रिप्ट ने उनका साथ दिया होता. जैकलीन फर्नान्डेस ने दो रोल निभाए हैं और दोनों रोल में वो एक सी ही लगी हैं. 

फिल्म में सबसे ज़्यादा कन्फ़्यूज़्ड लगे हैं रणबीर कपूर. वो किसी रोबोट की तरह अपने हर सीन में अभिनय करते हैं. ऐसा लगता है जैसे उन्हें इस फिल्म में ज़रा भी दलिचस्पी नहीं थी और उनसे ज़बरदस्ती कैमरा के सामने खड़े होने को कहा गया हो. ना तो वो फिल्म में मेहमान कलाकार हैं, ना ही उनका पूरा रोल है. ये कुछ बीच का है जो बिलकुल समझ में नहीं आता.

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