
जयपुर :मर्डर-2, मर्डर-3 जैसी फिल्मों का निर्माण कर चुके महेश भट्ट बॉक्सऑफिस एक बार फिर हाजिर है। महेश भट्ट निर्मित \"खामोशियां\" इस हफ्ते रिलीज हो गई। खामोशियां, में महेश भट्ट की पुरानी फिल्मों की झलक देखने को मिलती है।
कहानी : फिल्म की स्टोरी एक यंग उपन्यासकार कबीर (अली फजल) से शुरू होती है। कबीर वन बुक वंडर है और नया उपन्यास लिखने की प्रेरणा की चाह में वह एक यात्रा पर निकलता है। जहां उसकी मुलाकात मीरा (सपना पब्बी) से होती है जो कश्मीर में गेस्ट हाउस चलाती है। मीरा शादीशुदा है। उसकी शादी गेस्ट हाउस के मालिक जयदेव (गुरमीत चौधरी) से हुई है।
जयदेव की कभी पेपर मील थी। वह धनवान व्यक्ति हुआ करता था। उसका बाहरी और भीतर का अंदाज अलग है। गेस्ट हाउस में कबीर के साथ अजीबोगरीब घटनाएं घटती है। वह जानने की कोशिश करता है कि ऎसा क्यों हो रहा है। इसी बीच धीरे धीरे गेस्ट हाउस और मीरा के राज खुलने लगते है।
कहानी में टि्वस्ट तब आता है जब कबीर को लगता है कि इन घटनाओं के बारे में मीरा जानती है लेकिन वह चुप है। कबीर उससे बात करता लेकिन उसकी ओर आकर्षित होने लगता है। अब यह जानना चाहते हो कि सपना की चुप्पी का सीक्रेट क्या है, क्या कबीर सपना की चुप्पी तोड़ पाएगा और सच जान पाएगा। ऎसे ही कुछ सवालों का जवाब देती है खामोशियां।
परफोर्मेस: अली-सपना और गुरमीत-सपना के बीच पेचीदा कैमेस्ट्री है। अंत तक यह समझने में नाकाम रहेंगे कि आखिर इनके मन में चल क्या रहा है। गुरमीत और अली अपने किरदार में खरे उतरे है। इससे पहले भी अली कई फिल्मों में अपनी एक्टिंग से रूबरू करवा चुके है। जयदेव फिल्म में नेगेटिव रोल में है। वहीं सपना भी अपनी पहली फिल्म में फिट बैठी है।
ऑवरऑल :आशिकी-2,सिंगर अंकित तिवारी का म्यूजिक दर्शकों को पसंद आएगा। अपनी खामोशी, तोड़ने के लिए इस हफ्ते \"खामोशियां\" देखना बनता है।
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