
वृंदावन : बॉलीवुड अभिनेत्री से सांसद बनीं हेमा मालिनी के उस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार और बंगाल की विधवाओं को अपने-अपने राज्यों में ही रहना चाहिए, वृंदावन में आकर भी़ड नहीं लगानी चाहिए। मथुरा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद हेमा मालिनी ने वृंदावन में बसी विधवाओं को लेकर भी विवादास्पद टिप्पणी की, उन्होंने कहा, वृंदावन में बसी विधवाओं के पास बैंक बैलेंस, अच्छी आय और अन्य सुविधाएं हैं, लेकिन उन्हें भीख मांगने की आदत पड गई है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के वृंदावन को पवित्र शहरों में शुमार किया जाता है, वहां हजारों की तादाद में विधवाएं बसी हुई हैं। 65-वर्षीय हेमा मालिनी ने यह टिप्पणी अपने संसदीय क्षेत्र मथुरा के दौरे में कही। वृंदावन, मथुरा जिले का ही हिस्सा है। हेमा मालिनी ने कहा था, वृंदावन में 40 हजार विधवाएं हैं मुझे लगता है, शहर में और जगह नहीं है...। एक बडी तादाद बंगाल से आ रही है यह सही नहीं है। वे बंगाल में ही क्यों नहीं रूकी रहतीं! वहां भी अच्छे मंदिर हैं।
यही बात बिहार पर भी लागू होती है। बुरी हालत में मौजूद एक आश्रय स्थल का दौरा करने के बाद हेमा मालिनी ने कहा कि वह इस बारे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करेंगी।
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