
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स आज 84 अंक की गिरावट के साथ खुला है। हालांकि शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स ने नुकसान की भरपाई कर ली और 5 अंकों की तेजी के साथ 25,347 अंक पर पहुंच गया। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी गिरावट के साथ खुला लेकिन शुरुआती कारोबार में संभलकर सपाट स्तर पर आ गया। इस समय निफ्टी 7,700 अंक पर कारोबार कर रहा है। मिडकैप और स्मॉलकैप के शेयर हरे निशान में नजर आ रहे है। मिडकैप 49 अंकों की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है, जबकि स्मॉलकैप के शेयरों में 85 अंकों की बढ़त दर्ज की जा रही है।
कल गुरुवार को साल के अंतिम दिन सेंसेक्स 3.28 अंक घटकर 25,341.86 अंक पर बंद हुआ। वायदा कारोबार को लेकर सतर्क रख रहने और एस एण्ड पी द्वारा चीन को नकारात्मक परिदृश्य में रखने से बाजार में गतिविधियां सीमित रही। कारोबार के दौरान शुरुआत कारोबार में 141 अंक चढने के बाद बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक नुकसान में चला गया और 25,223.22 अंक तक नीचे चला गया, लेकिन कारोबार की समाप्ति पर 3.28 अंक की मामूली वृद्धि के साथ 25,341.86 अंक पर बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स कल एक ही दिन में 438.12 अंक चढ़ गया था। फेडरल रिजर्व का ब्याज दरों के प्रति नरम रख दिखने से बाजार में यह उछाल दर्ज किया गया। निफ्टी आज मामूली 3.20 अंक यानी 0.04 प्रतिशत बढकर 7,738.40 अंक पर बंद हुआ।
वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर सेंसेक्स 9.36 प्रतिशत नीचे रहा। निवेशकों को सात लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले चार वित्तीय वर्षों में सबसे खराब प्रदर्शन करते हुये सेंसेक्स गुरुवार को समाप्त वित्त वर्ष 2015-16 में 9.36 प्रतिशत नीचे रहा। निवेशकों को इससे पिछले वर्ष के मुकाबले सात लाख करोड रुपये का नुकसान हुआ। वैश्विक चुनौतियों और विदेशी कोषों की धन निकासी से घरेलू शेयरों में वर्ष के दौरान काफी नुकसान रहा।
गुरुवार को समाप्त वित्त वर्ष के आखिरी दिन बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स एक दिन पहले की तुलना में वैश्विक बाजारों में उपभोक्ता वस्तुओं के दाम में भारी गिरावट आने, करीब एक दशक में अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दरों में पहली वृद्धि किये जाने, वैश्विक बाजारों में सुस्ती विशेषतौर पर चीन की अर्थव्यवस्था में नरमी दिखने और घरेलू स्तर पर महत्वपूर्ण सुधारों की धीमी गति से वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान सेंसेक्स में 2,615.63 अंक यानी 9.36 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई।
वर्ष 2011-12 के बाद सेंसेक्स में वार्षिक आधार पर यह बडी गिरावट रही। इसके मुताबिक वर्ष के दौरान हर दिन निवेशकों को 2,700 करोड रुपये की पूंजी का नुकसान हुआ और पूरे साल में उनके शेयरों के दाम सात लाख करोड रुपये घट गये। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 2015-16 में 752.60 अंक यानी 9.72 प्रतिशत घट गया और वित्त वर्ष के आखिरी दिन यानी 31 मार्च 2016 को यह 7,738.40 अंक पर बंद हुआ। रुपया भी वर्ष के दौरान 3.61 रुपये यानी 5.86 प्रतिशत घटकर वर्ष के अंतिम दिन 66.26 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ।
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