ताइवान में नई सरकार बनने से बौखलाया ड्रैगन, ताइपे में किया अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास

ताइवान में नई सरकार बनने से बौखलाया ड्रैगन, ताइपे में किया अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास

China Holds Biggest Military Drill: चीन ने एक साल के भीतर ताइवान के आसपास कई सैन्य अभ्यास किए हैं। ताइवान के नए राष्ट्रपति के शपथ लेने के कुछ ही दिनों बाद चीन ने ताइवान के आसपास एक साल में अपना सबसे व्यापक सैन्य अभ्यास किया। चीन ने गुरुवार को सुबह 7:45 बजे (स्थानीय समय) सैन्य अभ्यास शुरू किया। चीन की इस कवायद का मकसद स्वतंत्र ताइवान की मांग कर रहे अलगाववादियों को दंडित करना और बाहरी शक्तियों के हस्तक्षेप के खिलाफ चेतावनी देना है।

बाहरी ताकतों का मतलब अमेरिका से है। आपको बता दें कि अमेरिका ताइवान का प्रमुख सैन्य समर्थक है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन लगातार कह रहे हैं कि अगर अगला हमला हुआ तो अमेरिका 23 करोड़ लोगों की रक्षा करेगा। चीन का मकसद ताइवान को अपने कब्जे में लेना है।

ताइवान में नई सरकार के गठन से चीन परेशान

लाइ चिंग-ते ने सोमवार को ताइवान के नए राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला। अपने शपथ समारोह में उन्होंने कहा था कि चीन को युद्ध की धमकी छोड़ देनी चाहिए। लाई के सत्ता संभालने पर चीन ने नाराजगी जताई थी। चीन ने लाई को बधाई देने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की निंदा की। चीन ने ताई-पे का समर्थन करने वाले एक अमेरिकी कांग्रेसी और अमेरिकी रक्षा कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए।

ताइवान सरकार की मुश्किलें बढ़ीं

चीन के सैन्य अभ्यास से ताइवान में हाल ही में बनी सरकार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। विपक्षी सांसद कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं। इस बदलाव का मकसद नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते की शक्तियों पर लगाम लगाना है। कानून में बदलाव की मांग को लेकर मंगलवार रात हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। शुक्रवार को कानून में बदलाव पर आगे की कार्रवाई हो सकती है, ऐसे में विरोध प्रदर्शन फिर से शुरू होने की आशंका है।

सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सेना ताइवान जलडमरूमध्य, ताइवान द्वीप के उत्तर, दक्षिण और पूर्व में और किनमेन, मात्सु, वुकिउ और डोंग्यिन द्वीपों के आसपास के क्षेत्रों में अभ्यास कर रही है। ताइवान के रक्षा मंत्री ने कहा कि वह सैन्य अभ्यास पर नजर रख रहे हैं।

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