उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, सरकार को दी ये सलाह

उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, सरकार को दी ये सलाह

Uttarakhand Forest Massive Fire Update:उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है। वहीं सुप्रिम कोर्ट का कहना है कि हम बारिश या क्लाउड सीडिंग के भरोसे हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठ सकते है। इसके साथ ही जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ के समक्ष सनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने आग लगाने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जातते हुए, इन पर शीघ्र लगाम लगाने को कहा है। 

वनाग्नि की 398 घटनाएं और 62 नामजद

आपको बता दें कि याचिका में यह भी बताया गया है कि उत्तराखंड में आग लगने की 398 घटनाएं हो चुकी हैं. 62 नामजद लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है. यह भी मांग की गई है कि जंगल की आग के लिए एक राष्ट्रीय नीति होनी चाहिए। प्रदेश के जंगलों में लगी आग ने सरकार की नींद उड़ा दी है. इसके साथ ही सीएम धामी लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं और मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

जल्द आग बुझाने में कामयाब होंगे

गौरतलब है कि सचिवालय में वनाग्नि नियंत्रण को लेकर पूर्व में दिए गए निर्देशों की समीक्षा करते हुए लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 17 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इसके अलावा वन विभाग और स्थानीय लोगों के सहयोग से जंगल की आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है. जल्द ही हम जंगल की आग को पूरी तरह से बुझाने में सफल होंगे।

जंगल हुआ धुआं-धुआ

इस क्षेत्र में 1 नवंबर से अब तक 460 से अधिक आग की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें 623 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि जलकर राख हो गई है। जंगलों से उठते धुएं के कारण शुक्रवार को नैनीताल शहर में कोहरा छाया रहा. डॉक्टरों का कहना है कि धुएं से भरी हवा ब्रोंकाइटिस और अस्थमा से पीड़ित लोगों की परेशानी बढ़ा सकती है।

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