Haryana News: पूर्व सीएम ने हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग, कहा- सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए

Haryana News: पूर्व सीएम ने हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग, कहा- सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए

रोहतक: हरियाणा में एक बार फिर सियासी संकट शुरू हो गया है। प्रदेश की मौजूदा सरकार से तीन निर्दलीय विधायक ने समर्थन वापस ले लिया है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कि "निर्दलीय विधायकों ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस लिया है और कांग्रेस को समर्थन करने का फैसला किया है। उन्होंने जनभावनाओं के तहत यह फैसला लिया है। सरकार का नैतिक अधिकार खत्म हो गया है, उन्हें(नायब सिंह सैनी) पद छोड़कर इस्तीफा दे देना चाहिए और यहां राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए ताकि निष्पक्ष चुनाव हो सके।

बता दें कि भाजपा सरकार को समर्थन कर रहे तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। जिससे हरियाणा की नायाब सरकार अल्पमत में आ गई है। इन तीनों विधायकों ने भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस के हाथ हाथ लिया है। जिन तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस लिया हैं वो पुंडरी से रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर, चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की उपस्थिति में कांग्रेस को समर्थन कर दिया है। तीनों निर्दलीय विधायकों ने कहा है कि वो सरकार की नीतियों से खुश नहीं थे इसलिए वो भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं।

हरियाणा सरकार का बिगड़ा गणित

अब निर्दलीय विधायकों की ओर से भाजपा से समर्थन वापस लेने के बाद हरियाणा सरकार का गणित बिगड़ गया है। दरअसल, इस समय विधायकों की संख्या 88 है। बहुमत का 45 है। भाजपा के पास 40 विधायक है। साथ ही 2 निर्दलीय विधायकों के साथ एचएलपी विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन मिल रहा है। मौजूदा सरकार के पास बहुमत से दो विधायक कम है। वहीं 22 अगस्त तक सरकार पर कोई असर नहीं होगा। क्योंकि 22 फरवरी 2022 तक सरकार के खिलाफ अविश्वास पत्र लाया गया था। इसके अब 6 महीने बाद एक बार फिर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया जाएगा।

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