‘हम बाहर से समर्थन करेंगे’, दुष्यंत चौटाला ने हुड्डा को दिया बड़ा ऑफर

‘हम बाहर से समर्थन करेंगे’, दुष्यंत चौटाला ने हुड्डा को दिया बड़ा ऑफर

Haryana Polical Crisis: हरियाणा में सैनी सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल, भाजपा सरकार को समर्थन कर रहे तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। जिससे हरियाणा की नायाब सरकार अल्पमत में आ गई है। ये तीनों विधायक भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस के हाथ का समर्थन किया है। इसी बीच बीजेपी की पूर्व सहयोगी जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला ने बड़ा बयान दिया है और कहा है कि सरकार को गिराने में हम बाहर से समर्थन करेंगे। दुष्यंत चौटाला ने कहा लेकिन ऐसा करने के लिए कांग्रेस को आगे आना होगा।

बयान देते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा,‘बीजेपी की सरकार अगर अल्पमत में है तो उसे गिराने में हम बाहर से समर्थन करेंगे। अब ये कांग्रेस को सोचना है कि वो भाजपा सरकार को गिराने के लिए कोई कदम उठाएगी या नहीं। आज हम विपक्ष के तौर पर सरकार गिराने के पक्ष में हैं, लेकिन सरकार गिराने के लिए अब कांग्रेस को आगे बढ़ना है। जब तक व्हिप की ताकत है तब तक हमारे सभी विधायकों को पार्टी के आदेश के अनुसार वोट डालना पड़ेगा।’

मनोहर लाल ने दिया बयान

वहीं इस सियासी घटनाक्रम पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और करनाल लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार मनोहर लाल ने कहा,  ‘वे निर्दलीय हैं, हम क्या कर सकते हैं। ये अपनों को संभाल कर रखें, जिस दिन हिसाब खुल गया उस दिन इनको समझ में आएगा कि हमारे संपर्क में कितने हैं, अगर अविश्वास प्रस्ताव भी लाएंगे तो वे ही गिरेंगे। उनके और बाकी दलों के कितने लोग हमारे साथ खड़े होंगे ये उन्हें नहीं पता हमें पता है।’

हरियाणा सरकार का बिगड़ा गणित

अब निर्दलीय विधायकों की ओर से भाजपा से समर्थन वापस लेने के बाद हरियाणा सरकार का गणित बिगड़ गया है। दरअसल, इस समय विधायकों की संख्या 88 है। बहुमत का 45 है। भाजपा के पास 40 विधायक है। साथ ही 2 निर्दलीय विधायकों के साथ एचएलपी विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन मिल रहा है। मौजूदा सरकार के पास बहुमत से दो विधायक कम है। वहीं 22 अगस्त तक सरकार पर कोई असर नहीं होगा। क्योंकि 22 फरवरी 2022 तक सरकार के खिलाफ अविश्वास पत्र लाया गया था। इसके अब 6 महीने बाद एक बार फिर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया जाएगा।

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