Haryana Election 2024: RSS के फीडबैक पर अमल कर रही भाजपा , क्षेत्रीय समीकरण को साधने का प्रयास

Haryana Election 2024: RSS के फीडबैक पर अमल कर रही भाजपा ,  क्षेत्रीय समीकरण को साधने का प्रयास

Haryana Election 2024: जाटों के गढ़ हरियाण में भाजपा तीसरी बार सत्ता हासिल करने के लिए हर दांव पेंच आजमा रही है। चुनाव करीब देखते हुए भाजपा ने 67 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में हर वर्ग को साधने की कोशिश की गई है। उम्मीदवारों की घोषणा के बाद टिकट न मिलने वालों नेताओं में नाराजगी बढ़ी है तो टिकट मिले प्रत्याशी फूले नहीं समा रहे हैं। बता दें कि भाजपा ने इस बार सर्वे के आधार पर टिकट बांटा है और जीतने वाले नेताओं पर ही दांख खेला है।         
 
नए चेहरों को मौका   
       
भाजपा नेतृत्व ने 10 साल से चल रही सरकार के सत्ता विरोधी लहर को देखते हुए 40 सीटों पर बदलाव किया है। जिनमें 25 नए चेहरों को उतारा गया है। टिकट बंटवारे में भाजपा संगठन का जोर चला है, जिसमें आरएसएस की भूमिका ज्यादा रही। खास बात यह है कि संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे नेताओं को टिकट से दूर रखा गया है। 
 
संगठन मंत्री को नहीं दिया गया टिकट           
 
भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बडौली को पार्टी हाईकमान ने पहले ही चुनावी मैदान में उतारने से मना कर दिया था। भाजपा आलाकमान ने प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा, प्रदेश महामंत्री कृष्ण कुमार बेदी, डॉ अर्चना गुप्ता और सुरेंद्र पुनिया को टिकट से वंचित रखा। पूर्व मंत्री कविता जैन भी भाजपा की नई टीम में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं, जिनका टिकट नहीं दिया गया है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री विपुल गोयल पार्टी के सर्वे में मजबूत दावेदार उभरे थे।   
 
दलित व पांच वैश्य नेताओं पर दांव             
 
भाजपा ने राज्य में पंजाबी वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए पूर्व मंत्री अनिल विज, जगमोहन आनंद और प्रमोद विज को टिकट दिए हैं। बता दें कि  घनश्याम दास अरोड़ा, सुभाष सुधा, निखिल मदान, कृष्ण मिढा और विनोद भ्याणा भी भाजपा के बड़े पंजाबी चेहरे हैं। वैश्य वोट बैंक को भाजपा ने साधने में कोताहा नहीं बरत रही है। भिवानी में घनश्याम सर्राफ को तीसरी बार टिकट दिया गया है। उनके अलावा, डा. ज्ञानचंद गुप्ता, असीम गोयल, कमल गुप्ता और विपुल गोयल को भी टिकट दिए गए है। जबकि सर्वे में रिपोर्ट कमजोर होने के आधार पर विधायक सुधीर सिंगला, दीपक मंगला, पूर्व मंत्री कविता जैन और विधायक नरेंद्र गुप्ता को टिकट नहीं दिए गए हैं।         
 
जाट और दलित मतदाता को साधने का प्रयास                   
 
हरियाणा के एससी वर्ग को साधने के लिए भाजपा ने चुनावी रण में 13 एसी उम्मीदवार उतारे हैं, जिनमें राज्यसभा सदस्य कृष्णलाल पंवार को टिकट मिला है। जबकि दूसरे बड़े दलित चेहरे के रूप में पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल पर दांव खेला है। जाट मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा ने पिछला चुनाव हारे जाट नेताओं को फिर से टिकट दिए हैं। इनमें भाजपा के बड़े जाट चेहरे ओपी धनखड़ और कैप्टन अभमिन्यु शामिल हैं। जबकि सुखविंदर सिंह मांढी की सर्वे रिपोर्ट खराब होने की वजह से उनका टिकट नहीं दिया गया है। ब्राह्मण चेहरे के तौर पर भाजपा ने उद्योग मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा और पूर्व सांसद डा. अरविंद शर्मा को टिकट दिया है।    

Leave a comment