H3N2 Virus: आई फ्लू के बाद H3N2 का बढ़ा खतरा, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या

H3N2 Virus: आई फ्लू के बाद H3N2 का बढ़ा खतरा, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या

H3N2 Virus: इस समय अधिकतर राज्यों में बारिश हो रही है जिसकी वजह से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। तो वहीं, साल 2019 में कोरोना क भयवाह रुप ने लोगों को संक्रमित किया था जिसके कारण कई लोगों की जान चली गई थी। लेकिन अब कोरोना और आई फ्लू वायरस को पीछे छोड़कर H3N2 लोगों को सबसे अधिक संख्या में लोगों को संक्रमित कर रहा है। इस समय देश में आई फ्लू के मामलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है सरकार की ओर से इसके लिए लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।

मौसम में आएं बदलाव की वजह से मामलों में हुई बढ़ोतरी

विशेषज्ञों की माने तो बारिश के मौसम में आएं बदलाव की वजह से फ्लू तेजी से फैल रहा है। एच3एन2 इन्फलुएंजा ए वायरस की ही एक वैरिएंट है जो कि इंसानों को ही में विशेष रुप से प्रभावित होता है। मिले आंकड़ों के अनुसार इस समय सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने वाले ज्यादातर मरीज इसी वायरस से संक्रमित है। अगर हम महाराष्ट्र की बात करें तोसरकारी अस्पतालों में शनिवार को लगभग 100 से ज्यादा मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया गया है ।

महाराष्ट्र में बढ़ा खतरा

दरअसल, महाराष्ट्र में इस वायरस की संक्रमण दर 19 फीसदी हो गई है जो कि अप्रैल और मई में 6 फीसदी थी। लेकिन जनवरी से अब तक 1540 इन्फ्लुएंजा के मामले सामने आ चुके है। इनमें से 900 एच3एन2 के ही थे। विशेषज्ञों का कहना हा कि कई देशों में कोराना वायरस ही इन्फ्लुएंजा में बदल गया है। डॉक्टरों का कहना है कि एच3एन2 वायरस दूसरे वायरसों को भी प्रभावी कर देता है जिससे शरीर को नुकसान पहुंचता है। 

इन्फ्लूएंजा H3N2 वायरस के लक्ष्ण भी मौसमी फ्लू की तरह होते है, जो अचानक ही महसूस होने लगते हैं। इन्फ्लूएंजा के सामान्य लक्ष्ण यह है:-

लक्ष्ण

सिर दर्द होना

थकान महसूस होना

दस्त की समस्या

उल्टी आना

खांसी होना

बंद नाक या नाक बहना

मांपेशियों में दर्द होना

गला खराब होना

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