JAWAN के क्रेज से स्टेडियम में तब्दील हुआ थिएटर, फुल पैसा वसूल है फिल्म

JAWAN के क्रेज से स्टेडियम में तब्दील हुआ थिएटर, फुल पैसा वसूल है फिल्म

Jawan Movie Review: शाहरुख खान की फिल्म का रिलीज होना फैंस के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है।यह बात पूरे दावे के साथ कह सकता हूं क्योंकि ऐसा हर रोज नहीं होता कि आप सुबह 6 बजे के शो के लिए थिएटर को हाउसफुल देखें। कबस्टर 'पठान' के साथ धमाकेदार शुरुआत करी है।

इस फिल्म में आपको SRK का एक अलग ही अंदाज देखने को मिलेगा। अत्यधिक नाटकीय होने के साथ-साथ हाई-ऑक्टेन एक्शन से भरपूर है। लेखक-निर्देशक एटली ने खान को एक बिल्कुल नए अवतार में प्रस्तुत किया है।

क्या है फिल्म का स्टोरी प्लाट?

यह एक ऐसे युवक की कहानी है जिसकी जिंदगी खराब सरकारी सिस्टम के कारण खराब हो जाती है और कैसे उसका बेटा इस सिस्टम का इस्तेमाल करके सिस्टम को ठीक करता है। यह कहानी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और गरीबों के अधिकारों के बारे में है। किसानों की आत्महत्या की बात हो रही है, ख़राब स्वास्थ्य व्यवस्था की बात हो रही है, सही नेता को वोट देने की बात हो रही है। कहानी नई नहीं है लेकिन जिस तरह से बताई गई है उसे देखने के लिए थिएटर में जाएं।

फिल्म कैसी है

यह फिल्म बहुत बढ़िया है। पहले 30 मिनट हंगामेदार होते हैं। इसके बाद लोगों की मदद से फिल्म की स्टोरीकोधिमा किया गया है, लेकिन ज्यादा नहीं। फिल्म में एक के बाद एक ट्विस्ट आते हैं और आप हैरान होते जाते हैं। किंग खान पर्दे पर जो करिश्मा करते हैं उसे आप थिएटर में बैठकर ही महसूस कर सकते हैं। इसे किसी भी तरह से लिखा नहीं जा सकता। शाहरुख एक के बाद एक नए अवतार में नजर आते हैं और तहलका मचा देते हैं।

जब शाहरुख सफेद बाल और दाढ़ी के साथ आते हैं तो ऐसा लगता है कि वह इस बूढ़े से ज्यादा हैंडसम नहीं हो सकते। शाहरुख ने अब तक भले ही रोमांस किया हो लेकिन यह फिल्म बताती है कि किंग खान वाकई किंग हैं और जब उनका जादू चलता है तो हर जादू फेल हो जाता है। फिल्म में अगर गानों को छोड़ दिया जाए तो कुछ भी बोरिंग नहीं लगता। आपका अंत तक मनोरंजन होता है और जबरदस्त तरीके से मनोरंजन होता है।

शाहरुख ने कमाल की एक्टिंग की है

शाहरुख खान ने कमाल की एक्टिंग की है। उनके हर सीन के एक-एक डायलॉग पर सीटियां बजती हैं। यहां पहली बार गंजे शाहरुख नजर आए हैं और उन्होंने स्क्रीन पर आग लगा दी है। शाहरुख ने अपनी ही छवि से बिल्कुल विपरीत काम किया है। विजय सेतुपति ने विलेन के किरदार में जान डाल दी है। नायक की वीरता तभी सामने आती है जब खलनायक ताकतवर हो और इससे ताकतवर खलनायक कोई हो ही नहीं सकता। वह स्क्रीन पर आते ही खौफ फैला देते हैं।

नयनतारा कमाल की लग रही हैं और उनकी एक्टिंग भी जबरदस्त है। दीपिका का रोल छोटा है लेकिन वह अपना प्रभाव छोड़ती हैं। रिद्दी डोगरा और सान्या मल्होत्रा ​​की भूमिकाएँ छोटी लेकिन महत्वपूर्ण हैं और उन्होंने अच्छा काम भी किया है।

डायरेक्शन

एटली ने फिल्म को जबरदस्त तरीके से बनाया है। साउथ के मसालों के साथ शाहरुख खान को शायद इससे बेहतर तरीके से पेश नहीं किया जा सकता था। एक्शन सीक्वेंस बहुत जबरदस्त हैं और कुछ सीक्वेंस तो काफी हैरान करते हैं। एटली ने फिल्म पर पकड़ बनाए रखी है। किसानों को सुसाइड वाले सीन जिस इमोशनल तरीके से शूट किए गए हैं। आपकी आंखों में आंसू आ जाते हैं। अहम मुद्दों को फिल्म में गजब एंटरटेनिंग तरीके से दिखाया गया है।

म्यूजिक अनिरुद्ध रवि चंदर ने फिल्म का म्यूजिक दिया है। म्यूजिक अच्छा है लेकिन फिल्म के बीच में गाने अखरते हैं। कुल मिलाकर अगर सिनेमा के दीवाने हैं। शाहरुख के दीवाने हैं तो तुरंत टिकट बुक करवा लीजिए क्योंकि थिएटर स्डेटियम में कैसे बदलता है ये वहीं जाकर पता चलेगा।

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