DELHI POLICE: खाकी वर्दी में रील बनाने वालों की अब खैर नहीं, दिल्ली पुलिस ने जारी की गइडलाइंस

DELHI POLICE:  खाकी वर्दी में रील बनाने वालों की अब खैर नहीं, दिल्ली पुलिस ने जारी की गइडलाइंस

Delhi Police Guidelines: दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा  की ओर से पुलिसकर्मियों के सोशल मीडिया इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गई है, गाइडलाइंस जारी कर पुलिसकर्मियों को वर्दी की गरिमा बनाए रखने और रील या वीडियो के लिए किसी भी इक्यूपमेंट या एक्सेसरीज का उपयोग नहीं करने के लिए कहा है। इसके अलावा, नए निर्देशों के साथ पुलिसकर्मियों से किस तरह की अपेक्षा है इसका भी जिक्र किया गया है। पुलिसवालों को हाथियार, सरकारी वाहन इत्‍यादि के साथ रील या वीडियो शेयर करने से मना किया गया है। सोशल मीडिया पोस्ट में तथ्य और भाषा को लेकर पूरी सतर्कता बरतने का आग्रह किया गया है। गाइडलाइंस में मुख्यतौर पर कहा गया है कि पुलिस को लेकर जनता के मन में एक छवि है और उस गरिमा को बनाए रखने की कोशिश जरुर की जानी चाहिए।

नई गाइडलाइंस में क्या कुछ कहा गया

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने पुलिसकर्मियों के लिए सोशल गाइडलाइंस जारी की है, इसमें पुलिसकर्मियों के लिए कई तरह की छूट दी गई है। नए निर्देशों में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर कोई भी ऐसा पोस्ट या विडियो शेयर न करें। जो राष्ट्र हित या आंतरिक सुरक्षा के खिलाफ हो। साथ ही ऐसी फोटों और विडियो को न डालें जो सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील होती हैइसमें महत्वपूर्ण इमारतें, सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील जगहें शामिल हैं।

सरकारी वाहनों और हथियारों पर रोक लगाई गई

सरकारी वाहन और ड्यूटी के लिए मिलने वाले हथियारों के साथ फोटो और वीडियो शेयर करने पर रोक लगाई गई है। पुलिसवालों को निर्देश दिया गया है कि सोशल मीडिया पर अफवाह या गलत जानकारी वाली पोस्ट से दूर रहें। साथ ही गलत जानकारी देने वाले पोस्ट, उत्तेजक और भड़काऊ भाषा से बचने की हिदायत दी गई है। नए निर्देशों में कहा गया है कि सोशल मीडिया का प्रयोग हमेशा विवेक से करना चाहिए और ऐसा कंटेट शेयर न करें जिससे पुलिस की गरिमा और छवि को धक्का लगता है। 

पुलिस के न्यायिक बयानों पर रोक लगाई गई

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सोशल मीडिया की नई गाइडलाइंस करते हुए कहा है कि किसी भी विचारधीन कैदी या लंबित मुकाबले को लेकर कोई भी अपडेट पुलिसकर्मी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर नहीं देंगे। साथ ही पुलिस के न्यायिक बयानो पर भी रोक लगा दी गई है। पुलिसकर्मी किसी भी संदिग्ध या गिरफ्तार व्यक्ति के दोष या लंबित मुकदमों से जुड़ी कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। ट्रेनिंग और ड्यूटी अवधि वीडियो और डिटेल शेयर करने पर भी सख्त पाबंदी लगाई गई है।

फोटो और वीडियो का सिर्फ अधिकारिक प्रयोग

पुलिस कर्मियों के मोबाइल फोन और कैमरों का इस्तेमाल ऑपरेशनल कवरेज के लिए किया गया है और संवेदनशील कॉटेंट सोशल मीडिया पर अपलोड की गई है। इसमें कहा गया है कि ऐसी कोई भी फोटो या वीडियो केवल आधिकारिक उपयोग के लिए जरुर होनी चाहिए।

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