Share Market: ऐसे ही नहीं सरपट दौड़ रहा है शेयर बाजार, ये लोग कर रहे हैं बंपर विवेश, जानें वजह

Share Market: ऐसे ही नहीं सरपट दौड़ रहा है शेयर बाजार, ये लोग कर रहे हैं बंपर विवेश, जानें वजह

Share Market: पिछले कुछ समय से शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है। हालिया रिकॉर्ड तेजी के पीछे एक बड़ी वजह FPI की खरीदारी है। FPI ने इस महीने अब तक भारतीय बाजार में 57,300 करोड़ रुपये का निवेश (FPI इन्वेस्टमेंट इन दिसंबर) किया है। राजनीतिक स्थिरता की संभावनाओं को देखते हुए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने बंपर निवेश किया है।

इसके पीछे भारत की आर्थिक वृद्धि में मजबूती दिखाने वाले आंकड़ों और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में लगातार गिरावट ने भी अहम भूमिका निभाई है। इस सकारात्मक धारणा के बीच इस साल भारतीय बाजार में FPI का कुल निवेश 1।62 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है।

अगले साल बढ़ सकती हैFPI की खरीदारी

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि नए साल में अमेरिकी ब्याज दरों में गिरावट की उम्मीद है। ऐसे में साल 2024 में FPIभारतीय बाजार में अपनी खरीदारी बढ़ा सकते हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, FPIने इस महीने अब तक भारतीय इक्विटी बाजार में 57,313 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। यह एक साल में एक महीने में उनका सबसे ज्यादा निवेश है। इससे पहले अक्टूबर में FPI ने 9,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। हालांकि, डिपॉजिटरी डेटा से पता चला है कि विदेशी निवेशकों ने अगस्त और सितंबर महीने में 39,300 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी।

FPI भारत में पैसा क्यों लगा रहे हैं?

भारतीय बाजारों में FPIके मजबूत प्रवाह के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के सह-निदेशक और अनुसंधान प्रबंधक, हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय बाजारों में व्याप्त राजनीतिक स्थिरता और सकारात्मक भावना के माहौल ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि देश की स्थिर और मजबूत अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट आय में प्रभावशाली वृद्धि और कई कंपनियों की लगातार प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) ने विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश के अवसर तलाशने के लिए आकर्षित किया है।

सबसे ज्यादा पैसा इन्हीं सेक्टर में आया

क्रेविंग अल्फा के स्मॉलकेस मैनेजर और प्रिंसिपल पार्टनर मयंक मेहरा ने कहा, "भारतीय बाजार का इंजन बहुत तेजी से चल रहा है। उम्मीद से अधिक जीडीपी वृद्धि के साथ बढ़ता विनिर्माण क्षेत्र निवेशकों के लिए एक जीवंत तस्वीर पेश करता है।" बांड के संदर्भ में, समीक्षाधीन अवधि के दौरान भारतीय ऋण बाजार में 15,545 करोड़ रुपये डाले गए। इससे पहले नवंबर में 14,860 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। FPIने सबसे ज्यादा निवेश वित्तीय सेवा क्षेत्र में किया है। वहीं उन्होंने वाहन, पूंजीगत सामान और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में भी रुचि दिखाई।

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