'वन नेशन वन इलेक्शन' के फॉर्मूले से 8 राज्यों से चली जाएगी विपक्ष की सरकार, बीजेपी को मिलेगा फायदा?

'वन नेशन वन इलेक्शन' के फॉर्मूले से 8 राज्यों से चली जाएगी विपक्ष की सरकार, बीजेपी को मिलेगा फायदा?

One Nation One Election Formula: बीतें कुछ सालों में कई बार 'एक देश, एक चुनाव का मुद्दा उठा हैं। लेकिन अब इसको लेकर कमेठी बना दी गई है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसके अध्यक्ष होंगे। यह कमेटी ‘एक देश, एक चुनाव’ के कानूनी पहलुओं को समझेगी और आम जनता से भी इस संबंध में राय जानेगी। हाल ही में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए संसद का विशेष सत्र बुलाने की जानकारी दी थी। ट्वीट के मुताबिक, 18से 22सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। उस दौरान 5बड़ी बैठके होंगी। लेकिन अब इस बात पर सवाल उठाए जा रहे है कि केंद्र की मोदी सरकार ‘एक देश, एक चुनाव’ पर बिल ला सकती हैं।

फॉर्मूला लागू हुआ तो क्या होगा

इंडिया शसित राज्यों में अगर ढाई साल रोस्टर वाला फॉर्मूला आता हैं। तो लोकसभा के साथ आंध्र प्रदेश, अरुणाचल, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, पुड्डुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव होने की उम्मीद हैं।

फिलहाल, राजस्थान,छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और दिल्ली में INDIA गठबंधन की सरकार है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ को छोड़कर बचे हुए 6राज्यों की सरकार के पास 1साल से अधिक का कार्यकाल बचा हुआ हैं।

दिल्ली में फरवरी 2025, बिहार में नवंबर 2025, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में मई 2026में चुनाव कराए जाने हैं। इन 8राज्यों में से 6राज्यों में बीजपी पार्टी की सरकार बनी हुई हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले चुनाव में किसकी पार्टी जीतती हैं।

चुनाव में एनडीए के मुकबाले ज्यादा नुकसान हो सकता

वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र, हरियाणा, सिक्किम, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी और अरुणाचल प्रदेश में वर्तमान समय में एनडीए की सरकार हैं। 2024के चुनाव से पहले से ही तय हैं। लेकिन मध्य प्रदेश में तो नवंबर 2023में ही चुनाव होने हैं। इससे साफ पता चलता हैं कि एक चुनाव का यह फॉर्मूल लागू होता है। तो एनडीए के मुकाबले इंडिया को ज्यादा नुकसान हो सकता हैं।

77प्रतिशत मतदाता वोट करते

आईडीएफसी इंस्टीट्यूट से मिली जानकारी के अनुसार, 77प्रतिशत मतदाता लोकसभा और विधानसभा चुनाव के वक्त एक ही पार्टी को वोट करती हैं। ऐसे में चुनावी जानकारों का कहना है कि बीजेपी अगर यह मुद्दा लाने में कामयाब रहती हैं। तो पार्टी को फायदा मिल सकता हैं।

इन राज्यों में समय से पहले होंगे चुनाव

एक देश-एक चुनाव का रोस्टर फॉर्मूला अगर इसी लोकसभा चुनाव में लागू हुआ तो उत्तर प्रदेश, कर्नाटक पंजाब जैसे राज्यों में वक्त से पहले चुनाव हो जाएंगे।

रोस्टर फॉर्मूला के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के ढाई साल बाद बाकी के राज्यों में विधानसभा के चुनाव होंगे। इसके मुताबिक, 2026के मध्य में बाकी बचे राज्यों में चुनाव होने की उम्मीद हैं। पंजाब, यूपी विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2027 गुजरात-हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल दिसंबर 2027 और कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2028 तक हैं।

इन उपलब्धियों से बीजेपी को हो सकता हैं फायदा?

रसोई गैस की कीमतों में 200 रुपये की कटौती के ऐलान से ही इसकी भनक मिल गई। मोदी सरकार जब 2019 में लोकसभा चुनावों में उतर रही थी। तब उसके नाम जिनती उपलब्धियां थीं।मतदाताओं को लुभाने की दृष्टि से कहीं अधिक उपलब्धियां उसके पास इस बार हैं। दरअसल,जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करना, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, मथुरा-काशी में भी मंदिर-मस्जिद विवाद पर अदालती प्रक्रिया की शुरुआत, समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर औपचारिक घोषणा।नई संसद का उद्घाटन आदि को चुनावी प्रदर्शनी में ठीक से सजाया जा सकता है। अब ऐसा लग रहा है कि इस बार विपक्षी एकजुटता ने मोदी को मजबूर कर दिया है। वहीं मोदी सरकार विभिन्न उपलब्धियों के सहारे न रहें बल्कि विपक्षी को मजबूत होने की संभावना अधिक हैं।

Leave a comment