India Covid: देश में तेजी से बढ़ रहा है कोराना का JN.1 वेरिएंट, जाने क्या है देश में स्थिति?

India Covid: देश में तेजी से बढ़ रहा है कोराना का JN.1 वेरिएंट, जाने क्या है देश में स्थिति?

IndiaCovid: इंडिया में एक बार फिर से कोराना के केस की संख्या बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। कोरोनावायरस के नए सब-वेरिएंट JN.1 के मामले देश में निकलकर सामने आ रहे है। जिसको लेकर देश में डर का मौहाल बन रहा हैं। WHOकी पूर्व चीफ साइंटिस्ट ड़ॉ सौम्या स्वामिनाथन ने मीडिया से बात करते हुएबताया कि, कोरोना के बढ़ते केस को दखते हुए हॉस्पिटल में भर्ती होने की संख्या बढ़ोतरी होगी और हॉस्पिटलाइजेशन भी देखने को मिलेगा।

WHOकी पूर्व चीफ साइंटिस्ट ड़ॉ सौम्या स्वामिनाथन ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कोरोना को सामान्यता सर्दी जुकाम के तौर पर नहीं देखना चाहिए। उन्होने ने ऐसा इसलिए कहा क्यो कि इसका अधिक समय तक प्रभाव पड़ सकता है। जिसमें इंसान को स्ट्रोक, हार्ट अटैक और मानसिक समस्याएं भी हो सकती है,और आगे बताया कि हमको बहुत अधिक हॉस्पिटलाइजेशन की संख्या देखने को नहीं मिलेगी, इंडिया में वैक्सीनेशन रेट अधिक है। हेल्थकेयर सिस्टम में भी सन् 2020 के बाद अधिक सुधार देखने को मिला है।

इंडिया में JN.1 सेब-वेरिएंट के कितने एक्टिव केस है?

ऑफिशियल डाटा के अनुसार इंडिया में JN.1 सब-वेरिएंट के कुल अभी तक 21 केस सामने आए है,जिसमें से 19 गोवा में और महाराष्ट्र-केरल में एक-एक केस सामने आया है।  डॉ सौम्या स्वामिनाथन से सवाल पूछा गया कि कोच्चि के हॉस्पिटल में 30 फीसदी केस सामने आए है, क्या इंडिया के अन्य इलाको में भी ऐसे होने की आशंका है?मौजूदा समय में JN.1 सब-वेरिएंट को 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के तौर पर क्लासिफाई किया गया है। 

इस पर उन्होंने बताया है कि हमने इससे पहले भी इस तरह के हालातो का सामना किया है। इस बात की उम्मीद है कि WHO ने इस बारे में बात भी की थी। WHO के चीफ टेड्रोस ग्रेबेसियस ने इसी साल मई में ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी समाप्त होने का दावा किया था।लेकिन उन्होने ने कहा कि ये अभी भी ग्लोबल खतरा है। ऐसा ही हमें देखने को मिल रहा है। हम देख रहे हैं कि JN.1 के तौर पर नया वेरिएंट सामने आया है, जो ओमिक्रोन को सब-वेरिएंट है।

अस्पताल में भर्ती होने की दर बढ़ेगी– सौम्या

WHOको पूर्व चीफ साइंटिस्ट ड़ॉ सौम्या स्वामिनाथन ने सबको चेताया और तैयारियों को बढ़ाने के लिए सलाह दी और  आगे बताया कि मुझ को ऐसा लगता है कि आपको हर रोज हजारों की संख्या में नए केस मिलेंगे।, जिसमें से कुछ फीसदी लोगों को या कहें एक फीसदी को अस्पताल में भर्ती करना पड़ेगा। इसका सबसे बड़ा कारण है कि लोग अधिक संख्या में बीमार पड़ जाएंगे। उन्होंने बताया कि अगर 1 लाख केस आते हैं, तो इसका सीधा मतलब हुआ कि बहुत अधिक लोग गंभीर तौर पर बीमार होंगे और उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ेगी।

WHO की पूर्व चीफ साइंटिस्ट ड़ॉ सौम्या स्वामिनाथन ने बताया कि खासतौर पर उन लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ेगी, जिनकी उम्र 65 साल से अधिक है और वे पहले किसी बिमारी से जूझ रहे है। यही बड़ी वजह है कि हमें अभी से ही तैयारी शुरु करनी होगी और सावधानी बरतना शुरू करना होगा, जिससे उन लोगो की जान को बचाया जा सके, जिनके बीमार होने का अधिक खतरा है। अगर उन्हें निमोनिया भी होता है, तो अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता पड़ सकती है।

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