Supreme Court Order IIT Dhanbad: सुप्रीम कोर्ट ने छात्रहित में अहम आदेश दिया है। ये आदेश आईआईटी धनबाद को दिया गया है। बता दें कि फिस जमा करने की समय-सीमा खत्म होने के बाद आईआईटी धनबाद ने छात्र को दाखिला देने से मना कर दिया था। इस मामले में छात्र सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के रहने वाले मजदूर के बेटे 18वर्षीय अतुल कुमार ने, अपनी आखिरी कोशिश में जेईई परीक्षा पास की थी। उन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग में सीट अलॉट की गई थी लेकिन 24जून की समय सीमा तक फीस जमा न करा पाने की वजह से उसे अपनी सीट गंवानी पड़ी थी।
पैसे की तंगी की वजह से नहीं मानी हार
बता दें कि पैसे की तंगी के बावजूद, अतुल ने हार नहीं मानी और पहले झारखंड हाईकोर्ट और फिर मद्रास हाईकोर्ट का रूख किया। आखिरी में वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सोमवार यानी 30सितंबर को सुनवाई के दौरान, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि हम एक ऐसे यंग टैलेंट को नहीं गंवा सकते। वह झारखंड की कानूनी शरण में गया, फिर चेन्नई की कानूनी सेवाओं तक पहुंचा। आखिरी में सुप्रीम कोर्ट आया. एक दलित लड़के को हर दरवाजे पर धक्के दिए गए।
पिता कमाते हैं 450 रुपए दिहाड़ी
अतुल के वकील ने बताया कि उनके पिता 450 रुपये दिहाड़ी कमाते हैं। उन्होंने बताया कि 17,500 रुपये का बंदोबस्त करना उनके लिए बहुत बड़ा काम था। पिता ने यह रकम गांव वालों से जुटाई। आईआईटी धनबाद के वकील ने दावा किया कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र ने अतुल कुमार को एसएमएस भेजा और आईआईटी ने उन्हे..दो व्हाट्सएप चैट के जरिए पेमेंट करने की जानकारी दी थी। वकील ने कहा कि वह हर दिन लॉगिन करता था। इस पर जस्टिस पारदीवाला ने आईआईटी धनबाद से कहा कि आप इतना विरोध क्यों कर रहे हैं? रास्ता निकालने की कोशिश क्यों नहीं करते? सीट अलॉटमेंट की पर्ची दिखातें है कि आप चाहते थे कि वह पेमेंट करे? अगर उसने किया तो कुछ और की जरूरत नहीं थी।
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