“1971 की हार का कारण पाकिस्तानी सेना है”,बिलावल भुट्टो ने खोली पाक सेना की पोल

“1971 की हार का कारण पाकिस्तानी सेना है”,बिलावल भुट्टो ने खोली पाक सेना की पोल

नई दिल्लीपाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने पाक सेना की पोल खोलते हुए कहा कि, 1971 की हार कारण पाकिस्तानी सेना है और कहा कि, यह एक “सैन्य विफलता”है,उन्होंने इशारों-इशारों में पूर्व सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा पर निशाना साधा है। बता दे कि, बिलावल ने यह टिप्पणी उनकी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी(PPP)के 55वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित निश्तर पार्क रैली में कही है।

उन्होंने राष्ट्र का पुनर्निर्माण किया, 90,000 सैनिकों को वापस घर ले आए

वहीं निश्तर पार्क रैली इस अवसर पर,PPPके अध्यक्ष ने अपनी पार्टी के इतिहास को दोहराया और  उनके दादा जुल्फिकार अली भुट्टो की उपलब्धियों को याद किया। डॉन अखबार ने उनके हवाले से कहा, "जब जुल्फिकार अली भुट्टो ने सरकार संभाली, तो लोग टूट गए थे और सारी उम्मीदें खो दी थीं।" "लेकिन उन्होंने राष्ट्र का पुनर्निर्माण किया, लोगों के विश्वास को बहाल किया, और अंत में हमारे 90,000 सैनिकों को वापस घर ले आए, जिन्हें 'सैन्य विफलता' के कारण युद्धबंदी बना दिया गया था। उन 90,000 सैनिकों को उनके परिवारों के साथ फिर से मिला दिया गया। और वह सब बनाया गया था उम्मीद की राजनीति के कारण संभव हुआ है..एकता की..और समावेश की राजनीति के कारण संभव हुआ है।”

आपको बता दे कि, इस बयान की टाइमिंग बहुत ही अहम रही, क्योंकि 29 नवंबर को अपनी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले, जनरल बाजवा ने पूर्वी पाकिस्तान की हार को "राजनीतिक विफलता" करार दिया और शिकायत की कि सैनिकों के बलिदान को कभी ठीक से स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने आम धारणा को खारिज कर दिया कि 1971 के युद्ध में 92,000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया और दावा किया कि केवल 34,000 लड़ाके थे, जबकि अन्य विभिन्न सरकारी विभागों का हिस्सा थे।   

मैं रिकॉर्ड को सही करना चाहता हूं –बाजवा

वहीं पिछले हफ्ते रावलपिंडी में जनरल हेडक्वार्टर में एक रक्षा और शहीद समारोह को संबोधित करते हुए बाजवा ने कहा: मैं रिकॉर्ड को सही करना चाहता हूं। सबसे पहले, पूर्वी पाकिस्तान का पतन एक सैन्य नहीं बल्कि एक राजनीतिक विफलता थी। लड़ने वाले सैनिकों की संख्या 92,000 नहीं, बल्कि 34,000 ही थी, बाकी विभिन्न सरकारी विभागों के थे।

वहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा 2019 में तीन साल का विस्तार पाने के बाद, 61 वर्षीय जनरल बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए, जो पाकिस्तानी सेना के सबसे बड़े आलोचक थे।1971 में पूर्वी पाकिस्तान की पराजय में पाकिस्तान को भारत से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। इसने पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश नामक एक नया देश बनाने के लिए अलग देखा।

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