World Music Day: सुख-दुख का सच्चा साथी हैं संगीत, जानें रोगों से कैसे दिला सकता है मुक्ति

World Music Day: सुख-दुख का सच्चा साथी हैं संगीत, जानें रोगों से कैसे दिला सकता है मुक्ति

नई दिल्ली: हम सभी जानते है कि संगीत का हमारे जीवन में कितना महत्व रखता है. संगीत तब हमारे सुख-दुख का साथी है. हमारी भावनाओं का इजहार का भी माध्यम भी संगीत है. इसके साख ही संगीत सुनने से सुकून का अहसास होता है. डॉक्टरों के द्वारा भी कहा जाता है कि संगीत सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. डॉक्टरों के द्वारा में अवसाद और निराशा से घिरे मरीजों को बाहर निकालने के लिए संगीत थेरेपी दी जाती है. डॉक्टरों का मानना है कि यह एक कारगर दवा साबित हुई है. संगीत के महत्वों को समझते हुए आज पूरा विश्व 21 जून को संगीत दिवस मना रहा है.

बता दें कि विश्व संगीत दिवस की शुरूआत साल 1982 में फ्रांस में हुई थी और इसका श्रेय तब के सांस्कृतिक मंत्री जैक लैंग को दिया जाता है. इस दिन को फेटे डी ला म्यूजिक के नाम से भी जाना जाता है. सबसे पहले संगीत दिवस पर फ्रांस के साथ 32 से ज्यादा देश शामिल हुए थे. अब तो भारत, इटली, ग्रीस, रूस, ऑस्ट्रेलिया, पेरू, ब्राजील, इक्वाडोर, मैक्सिको, कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, चीन, मलेशिया समेत कई देश 21 जून को विश्व संगीत दिवस मनाते हैं.

भारतीय शास्त्रीय संगीत में कुछ राग ऐसे है जिनसे रोगों को ठीक किया जाता है.  राग पूरिया धनाश्री अनिद्रा की समस्या से मुक्ति दिलाती है. राग दरबारी और राग मालकौंस मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाता है. राग शिवरंजिनी मन को शांत एवं सुखद अनुभूति प्रदान कराता है. राग मोहिनी आत्मविश्वास बढ़ाता है. राग भैरवी ब्लड प्रेशर और पूरे तंत्रिका तंत्र को कंट्रोल करता. राग पहाड़ी स्नायु तंत्र को दुरुस्त करता है. राग दरबारी कान्हड़ा अस्थमा, राग भैरवी साइनस, राग तोड़ी सिरदर्द और क्रोध से मुक्ति दिलाता है.

एक तरफ पूरी दुनिया जहां योग को अपना रही है तो दूसरी तरफ इसके साथ ही सुरों की भी मुरीद हुई जा रही है. मौजूदा वक्त में यह जरूरी भी है. शारीरिक स्वास्थ्य के साथ जरूरी है कि मन का भी इलाज भी किया जाए. संगीत के द्वारा मानसिक तनाव से लेकर और मस्तिष्क व हृदय के कई गंभीर रोगों का इलाज संगीत चिकित्सा अद्भुत साबित हुई है.

इसके अलावा संगीत हमें बेहतर नींद प्रदान करता है और हमें आगे बढ़ने में मदद करता है. और यह किसी व्यक्ति को बेहतर व्यायाम करने में भी मदद कर सकती है. सही प्रकार के संगीत से लोग अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और बेहतर प्रदर्शन भी कर सकते हैं.

रोग और रोगियों पर संगीत का असर पिछले साल कुछ अस्पतालों में भी देखने को मिला, जब मानसिक रूप से टूट चुके कोरोना मरीजों के मनोरंजन के लिए डॉक्टर और नर्सों ने नृत्य-संगीत किया था. इसका मरीजों पर बहुत सकारात्मक असर पड़ा था.

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