महिला अधिकारियों को सेना में मिलेगा स्थाई कमीशन

महिला अधिकारियों को सेना में मिलेगा स्थाई कमीशन

सुप्रीम कोर्ट ने सेना में स्थाई कमीशन पाने से वंचित रह गई महिला अधिकारियों की याचिका पर अपना फैसला सुना दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है साथ ही केंद्र को फैसला लागू करने के लिए तीन महीने की मोहलत दी है, सुप्रीम कोर्ट का फैसला कॉम्बैट विंग छोड़कर बाकी सभी विंग पर लागू होगा।

 जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सेना में महिला अधिकारियों की नियुक्ति  विकासवादी प्रक्रिया है और सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई है।

जब सुप्रीम कोर्ट की तरफ़ से रोक नही लगाई गई है तो केंद्र ने हाईकोर्ट के फैसले को लागू क्यूं नही किया, हाईकोर्ट के फैसले पर कार्रवाई करने का कोई भी कारण या औचित्य नहीं है।

                                       

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी नागरिकों को अवसर की समानता, लैंगिक न्याय सेना में महिलाओं की भागीदारी का मार्गदर्शन करेगा, और महिलाओं की शारीरिक विशेषताओं पर केंद्र के विचारों को कोर्ट ने खारिज किया। कोर्ट ने कहा कि केंद्र दृष्टिकोण और मानसिकता में बदलाव करने की जरूरत है, सेना में सच्ची समानता लानी होगी।

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