क्यों मनाया जाता है गुरू पूर्णिमा, जानें महत्व

क्यों  मनाया जाता है गुरू पूर्णिमा, जानें  महत्व

नई दिल्ली: आज पूरा देश गुरू पूर्णिमा मना रहा है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता हैं.  आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. वेद व्यास ने ही हिन्दू धर्म के चारों वेदों का मानव जाति को ज्ञान कराया था. और सभी पुराणों की रचना की. महर्षि वेद व्यास के इस योगदान के कारण ही इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाता है. बता दे कि इस दिन सभी अपने गुरु जनों की पूजा की करते है आज के दिन लोग आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत भी रखते हैं.

हिंदू पंचांग के अनुसार,आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन दो योग में पर रहा है. पहला योगका प्रारंभ 23 जुलाई दिन शुक्रवार को दिन में 10 बजकर 43 मिनट से शुरू हुआ था और 24 जुलाई को सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. और दूसरा योग 24 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 40 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है जो कि अगले दिन 25 जुलाई को प्रात: 05 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. यह दोनों विशेष योग शुभ माने जाते हैं.

गुरु पूर्णिमा के दिन न केवल गुरु की पूजा की जाती है. बल्कि परिवार में बड़ो का आदर सम्मान कर पूजा करनी चाहिए. गुरु पूर्णिमा के इस पावन दिन पर गुरुजनों की यथा संभव सेवा करने का बहुत महत्व है. इसलिए इस पर्व को श्रद्धापूर्वक जरूर मनाना चाहिए. प्रातःकाल पवित्र नदी में स्नान करके गरीब और जरूरत मंद को दान देना चाहिए. गुरु पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ पर मीठा जल डालने से गुरु की कृपा से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.

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