क्यो मनाया जाता है 26 नवंबर को सविधान दिवस ? जानें

क्यो मनाया जाता है 26 नवंबर को सविधान दिवस ? जानें

नई दिल्ली26 नवंबर का दिन संविधान दिवस के रुप में मनाया जाता है। आजादी मिलने के बाद से ही  देश को चलाने के लिए संविधान पर काम शुरू कर दिया गया था। देश का कानून ही देश का संविधान कहलाता है। 26 नवंबर के दिन भारत का सविधान पूरा हुआ था। 26 जनवरी 1950 में लागू हुआ था। भारत के संविधान को दुनिया का सबसे बड़ा हाथ से लिखा हुआ संविधान कहा जाता है।

कितने दिन में हुआ तैयार-

इस पूरे सविधान को तैयार करने में दो साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। भारतीय संविधान आज भी संसद के पुस्तकालय में सुरक्षित मौजूद है।

संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखी थी।ये बेहतरीन कैलीग्राफी के जरिए इटैलिक अक्षरों में लिखी गई है। इसके हर पन्ने को शांतिनिकेतन के कलाकारों ने सजाया था। उन्होंने कहा था कि मुझे मेरी मेहनत के लिए एक पैसा नहीं चाहिए और न ही इसके लिए कोई महंगा तोहफा। लेकिन उन्होंने हर पेज पर अपना नाम, और अखिरी के पेज पर अपने दादाजी का नाम लिखने की शर्त रखी थी। जिसे सरकार ने मान लिया।

संविधान सभा के मुख्य सदस्यों में 'पंडित जवाहर लाल नेहरू', 'डा.भीमराव अम्बेडकर', 'डा. राजेन्द्र प्रसाद', 'सरदार वल्लभ भाई पटेल', 'मौलाना अब्दुल कलाम आजाद आदि थे|

कैसी दिखती है मूल प्रति-

16 इंच चौड़ी है संविधान की मूल प्रति

22 इंच लंबे चर्मपत्र शीटों पर लिखी गई है

251 पृष्ठ शामिल थे इस पांडुलिपि में

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