मौत के ढ़ाई महीन बाद जापान के पीएम को किया गया याद, जानें वजह

मौत के ढ़ाई महीन बाद जापान के पीएम को किया गया याद, जानें वजह

नई दिल्ली: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिजो आबे का आज स्टेट फ्यूनरल यानी की अंतिम संस्कार टोक्यों में हुआ है। वहीं इसमें दुनियाभरके 217 देशों के प्रतिनिधि शामिल होने के लिए टोक्यों पहुंचे थे। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी टोक्यों पहुंचकर आबे को अंतिम विदाई दी। ये दुनिया का सबसे महंगा अंतिम संस्कार बताया जा रहा है, जिसमें करीब 97 करोंड़ रूपये खर्च हुए है।

क्यों आज हो रहा अंतिम संस्कार?

दरअसल, आठ जुलाई को शिंजो आबे की हत्या हुई थी। इसके बाद परिवार ने बौद्ध परंपरा के अनुसार 15 जुलाई को उनका अंतिम संस्कार कर दिया था। आज जो स्टेट फ्यूनरल यानी राजकीय अंतिम संस्कार हुआ है वो सांकेतिक था। इस दौरान लोगों ने आबे से जुड़ी अपनी पुरानी यादों को साझा किया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसके लिए जापान पहुंचे हैं। शिंजो आबे पीएम मोदी के अच्छे दोस्तों में से एक रहे हैं।

जापान में कैसे होता है अंतिम संस्कार?

जापान में ज्यादातर लोग बौद्ध परंपरा के अनुसार शवों का अंतिम संस्कार करते है। इस परंपरा के मुताबिक, मरने के बाद परिजन मृतक के होठों पर पानी लगाते है। जिसे अंतिम समय का जल कहा जाता है। मौत के अगले दिन वेक की परंपरा है, जिसमें जान-पहचान वाले लोग जुटते है। वह मृतक की बॉडी का आखिरी दर्शन करते है। इस दौरान उनसे जुड़ी यादों को साझा करते है। पुरूष काले सूट,सफेद शर्ट और काली टाई लगाकर आते है। वहीं, महिलाएं काले रंग के कपड़े पहन कर आती हैं। कई बार लोग मृतक के परिजनों को काले या सिल्वर रंग के लिफाफे में पैसे भी देते हैं। बौद्ध परंपरा के अनुसार मंत्र भी पढ़े जाते हैं। इसके बाद हिंदू धर्म की तरह ही शव को अग्नि के हवाले कर दिया जाता है।

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