कृषि कानून खत्म करने से पहले संसद में क्या करेगी मोदी सरकार, कृषि मंत्री के संबोधन पर हंगामा तय!

कृषि कानून खत्म करने से पहले संसद में क्या करेगी मोदी सरकार, कृषि मंत्री के संबोधन पर हंगामा तय!

नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश को संबोधित करते हुए तीन नए कृषि कानूनों को वापस  लेने का ऐलान किया।मगर औपचारिक तौर पर केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को केंद्र सरकार की तरफ से कृषि कानूनों की वापसी की पुष्टि करने की संभावना है।इसके बाद 9 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कानूनों को वापस लिया जाएगा। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि कृषि कानूनों को खत्म करने से पहले सरकार इस पर छोटी चर्चा का प्रस्ताव पेश कर सकती है। इतना ही नहीं, कृषि मंत्री इस बात को भी समझाएंगे कि आखिर कानून वापस लेने की क्या वजहें हैं।

जानकारी के अनुसार केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर संसद में कृषि कानूनों को निरस्त करने से पहले यह बताएंगे कि इन कानूनों को वापस लिए जाने के पीछे क्या वजह है और क्यों सरकार को इसे निरस्त करने का फैसला करना पड़ा। इसके बाद इन कानूनों को संसद से निरस्त कर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंदके पास मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा।

दरअसल, संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और 23 दिसंबर तक चलेगा। प्रत्येक सदन की लगभग 20 बैठकें होंगी। और सरकार इस पर चर्चा करती है तो 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में बवाल होना तय है। विपक्ष इस पर चर्चा से बचना चाहेगा और चाहेगा कि बिना किसी बहस के इसे सीधे तौर पर निरस्त किया जाए।

बता दें कि गुरु नानक जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी। देश के नाम संबोधन में शुक्रवार को पीएम मोदी ने देशवासियों से माफी मांगते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया और कहा कि उनकी तपस्या में ही कुछ कमी रह गई होगी, जिसकी वजह से कुछ किसानों को उनकी सरकार समझा नहीं पाई और अंत में यह कानून वापस लेना पड़ा। हालांकि, पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को अब भी डिफेंड किया और कहा कि कुछ किसानों के न समझने की वजह से ही यह फैसला लेना पड़ा।

पीएम मोदी ने शुक्रवार को घोषणा के साथ ही प्रदर्शनकारी किसानों से घर लौटने की भी अपील की। किसान इन कानूनों के खिलाफ पिछले करीब एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पूरी कर ली जाएगी।

किसानों का कहना है कि जब तक कानूनी तौर पर संसद से कृषि कानून खत्म नहीं हो जाते, तब तक वह हटेंगे नहीं। राकेश टिकैत ने भी स्पष्ट कहा है कि संघर्ष विराम सरकार ने किया है, हमने नहीं। हमारा आन्दोलन जारी रहेगा। हमारे अभी और मुद्दे हैं जिन पर संघर्ष जारी रहेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार जो कानून और लेकर आ रही है उस पर हमसे बात कर ले, नहीं तो पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा का आन्दोलन होगा।

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