DELHI NCR NEWS: देश भर में देसी पोटाश गन का इस्तेमाल काफी तेजी सेकिया जा रहा है। दिल्ली-NCRमें पटाखे बैन होने के बाद लोगों ने इस देसी जुगाड़ को अपनाया है। जिस पर AIIMS के डॉक्टर का कहना है कि यह आतिशबाजी से कहीं ज्यादा एक जोखिम भरा हथियार है। जिससे होने वाली दर्दनाक मौत कल्पना से परे है।और पोटाश गन का प्रयोग करने वाला शख्स अगर किसी स्थिति में बच भी जाए तो जीवन भर के लिए दिव्यांग हो जाएगा।
साल 2024 में दिवाली पर पोटाश गन को बहुत से लोगों ने इस्तेमाल किया। पोटाश गन का इस्तेमाल करने वाले शहरों में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, पलवल, और ग्रेटर नोएडा हैं। पोटाश गन के इस्तेमाल से घायल हो कर लोग AIIMSमें भर्ती हुए। इसकी गवाही एम्स की इमरजेंसी में आए कई मरीज करते हैं।
पोटाश गन शरीर को कर रही अपंग
AIIMS के नेत्र रोग एक्सपर्ट डॉ ब्रजेश लहरी का कहना है कि दीवाली की रात अस्पताल में पोटाश गन हादसे के शिकार 10 मरीज गंभीर हालत में पहुंचे थे। इन 10 में 6 मरीजों के आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई। साथ ही 4 मरीजों को अनलेटरल ब्लाइंडनेस सरल भाषा में कहा जाए तो एक आंख की रोशनी गंवानी पड़ी। इस गन के फटने से 2 लोगों के हाथों की कलाई खराब हो गई।
डॉक्टर भी हुए हैरान
AIIMS अस्पताल में आए ये केश पोटाश गन के प्रयोग से हो रहे जान-माल की हानी को साफ बता रहे थे। अस्पताल में भर्ती इन मरीजों के चेहरे और शरीर पूरी तरह से जले हुए थे। वहीं डॉक्टरों की टीम का कहना है कि गन के फटने से बर्न के अभी तक जो ये केश आए है ऐसे मामले नहीं देखे थे। इनकी हालत इतनी खराब थी कि डॉक्टर भी हैरान थे। पोटाश गन के इस्तेमाल से इनके शरीर के अंग को हमेशा के लिए नष्ट हो गए है।
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