Vinayak Chaturthi 2025: आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है, जिसे विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जा रहा है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें विघ्नहर्ता, बुद्धि, और समृद्धि का दाता माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं आज के शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और कुछ खास उपाय।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आज विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:23बजे से दोपहर 1:43बजे तक है। यह समय पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। इसके अलावा, आज शुक्ल और ब्रह्म योग का संयोग भी बन रहा है, जो इस दिन के महत्व को और बढ़ाता है।
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 2मार्च 2025, रात 9:01बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त: 3मार्च 2025, शाम 6:02बजे
चंद्रोदय: सुबह 8:40बजे (चंद्र दर्शन से बचें, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है)
पूजन विधि
विनायक चतुर्थी की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और व्रत का संकल्प लें।एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।गणेश जी को गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद चंदन, कुमकुम, हल्दी और फूलों से उनका श्रृंगार करें।गणेश जी को 21दूर्वा घास अर्पित करें (जो उन्हें अत्यंत प्रिय है) और मोदक, लड्डू या गुड़ का भोग लगाएं।
निम्न मंत्रों का जप करें:
"ॐ गं गणपतये नमः"
"ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा"
महत्व
मान्यता है कि विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा से न केवल आर्थिक संकट दूर होते हैं, बल्कि ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। यह दिन भक्तों के लिए अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने और जीवन से विघ्नों को हटाने का एक शुभ अवसर है।
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