उपराष्ट्रपति ने दीनबंधु छोटूराम पर लिखे पुस्तक संग्रह का किया विमोचन, बोले- नए वह नए विचारों वाले आदमी थे

उपराष्ट्रपति ने दीनबंधु छोटूराम पर लिखे पुस्तक संग्रह का किया विमोचन, बोले- नए वह नए विचारों वाले आदमी थे

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू पहुंचे आज गुरुग्राम पहुचें. यहां उन्होने दीनबंधु सर छोटू राम के जीवन , कार्यों, लेखन और भाषण पर आधारित 5 खण्डों में प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन किया. इस समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के साथ हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह और बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़, पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा सहित अन्य भी मौजूद है.

इस आयोजन के लिए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सीएम मनोहर लाल को बधाई दी. उन्होनें कहा कि हरियाणा इतिहास एवं संस्कृति अकादमी को बधाई और सीएम मनोहर लाल को भी बहुत बहुत बधाई कि ये साहित्य आज जनता के बीच जा रहा है.

आगें ही उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा की मुझे आज के कार्यक्रम का काफी दिन से इंतजार था. लेकिन कोविड और लॉकडाउन की वजह से थोड़ा लेट विमोचन आज हो रहा है. सब कार्यक्रम आजकल वर्चुअल होते हैं. लेकिन इस कार्यक्रम को मैं हरियाणा की धरती से करना चाहता था. हमे सबसे पहले अपनी मातृभाषा और उसके बाद भारतीय भाषा को सिखाना चाहिए. अंग्रेजी या दूसरी भाषा को भी सिखना चाहिए, लेकिन हिंदी सबको सिखनी चाहिए. देश के प्रधानमंत्री से लेकर हमारे मौजूदा चीफ जस्टिस ने भी अपनी मातृभाषा को पहचान दी है. हमारी नई पीढी का हमारे पूर्वजों से परिचय कराना बहुत जरुरी.

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि राज्यसभा एक परंपरा थी कि जब भी कागज रखना होता था तो कहना पढ़ता था कि sir I want to beg, लेकिन हमने उसको बदलकर कहा कि ये बोला जाए अध्यक्ष महोदय आपकी इजाजत से मैं ये कागज प्रस्तुत कर रहा हूं. चौधरी छोटूराम जमीन से जुड़कर नए विचारों वाले आदमी थे. उन्होने धर्म के आधार पर देश के बंटवारे का विरोध किया. सरदार पटेल ने कहा था कि अगर छोटू राम जिंदा होते तो मुझे तो मुझे पंजाब को लेकर कोई चिंता होती. चौधरी छोटूराम ने भविष्य के कृषि सुधारों की नींव रखी. नई तकनीक कृषि में लाने के लिए उन्होने शोध स्थल बनवाएं. खुद किसान रहते हुए जो समस्या देखी वो ही उनके समाधान की बात कर सकता है.

कृषि हमारी संस्कृति हैं. और कृषि पिछड़ती है तो हमारी संस्कृति भी पिछड़ती है. हमें जाति और वर्गो से उठकर राजनीति करनी होगी. सर छोटूराम भाषण देने से पहले पढ़ते थे फिर बोलते थे. देश के सब बच्चों को चौधरी छोटू राम के विचारों को पढ़ना चाहिए.

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि किसान और सरकार का संवाद कभी नहीं रुकना चाहिए. लेकिन राजनीति से भी इससे अलग रखना चाहिए. मैने खुद एक देश एक मार्केट के लिए आंदोलन किया. पुरी दुनिया खुल चुकी है इसिलिए हमें नए विचारों और नए कदमों के लिए तैयार रहना चाहिए. किसानों के लिए खुला बाजार और इलेक्ट्रॉनिक बाजार जरूरी ताकि किसानों को सही दाम उसकी फसल का मिल सके. आजकल राजनीतिक पार्टियां कहती है हम बिजली फ्री देंगे, पानी देंगे. किसान को गांव तक सड़क और 12 घंटे बिना अवरोध के बिजली चाहिए. कोरोना में हर वर्ग को नुकसान हुआ, लेकिन कृषि इकलौता ऐसा सेक्टर है जहां उत्पादन पहले से अधिक हुआ.

 

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