Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तरकाशी के टनल में फंसे 41 मजदूरों की जिंदगी और मौत की जंग जारी है। रेस्क्यू टीम बीते 8 दिनों से इन्हें बाहर निकालने के भरसक प्रयास में लगी हुई हैं। इसी बीच केंद्र सरकार ने बताया कि इन मजदूरों को बाहर निकालने के लिए पांच विकल्पों वाली कार्य योजना को अंतिम रूप दिया है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने जानकारी दी है कि इन विकल्पों पर पांच अलग अलग एजेंसियां काम करेंगी इसमें फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने के लिए तीन तरफ से ड्रिलिंग शामिल है। परिवहन और राजमार्ग सचिव ने बताया कि ”सरकार ने बहुमूल्य जीवन बचाने के लिए सभी मोर्चों पर काम करने का निर्णय लिया है।” यह निर्णय एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया जहां विशेषज्ञों की सलाह पर विभिन्न अलग अलग विकल्पों की जांच की गई।
तय किए गए पांच विकल्प
अनुराग जैन ने कहा, “पांच विकल्प तय किए गए और इनको पूरा करने के लिए पांच अलग-अलग एजेंसियों को जिम्मा सौंपा गया। पांच एजेंसियों में तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी), सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएनएल), रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल), राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल), और टेहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (टीएचडीसीएल) को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।”अनुरागजैन ने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और भारतीय सेना की निर्माण शाखा भी बचाव अभियान में सहायता कर रही है।
पांच विकल्प जिन पर हो रहे काम
पहला विकल्प, फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए सतलुज जल विद्युत निगम सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग कर रहा है। दूसरा विकल्प, सीमा सड़क संगठन केवल एक दिन में एक एप्रोच रोड पूरा करने के बाद रेल विकास निगम ने आवश्यक आपूर्ति के लिए एक और वर्टिकल पाइपलाइन पर काम शुरू कर दिया है। तीसरा विकल्प, ओएनजीसी जो गहरी ड्रिलिंग में विशेषज्ञता रखती है उसने दूसरे छोर से वर्टिकल ड्रिलिंग पर काम शुरू कर दिया है।
चौथा विकल्प, राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निकाय सुरक्षा व्यवस्था पर काम करने के बाद मुख्य सिल्क्यारा छोर से ड्रिलिंग जारी रखेगा। जिसकी सुविधा के लिए सेना ने बॉक्स पुलिया तैयार किया है। मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक केनोपी का ढांचा बनाया जा रहा है। पांचवां विकल्प, टेहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन माइक्रो टनलिंग पर काम करेगा, पहले ही जिसके लिए भारी मशीनरी जुटाई जा चुकी है।
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