Uttarakhand: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट पहुंचे देहरादून, महंगाई के खिलाफ भाजपा सरकार पर किया अटैक

Uttarakhand: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट पहुंचे देहरादून, महंगाई के खिलाफ भाजपा सरकार पर किया अटैक

देहरादून:  उत्तराखंड के देहरादून में कांग्रेस भवन में राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने प्रेसवार्ता को संबोधित किया है. प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार को जमकर निशाना साधा है. सचिन पायलट ने उत्तराखंड सरकार को महंगाई के मुद्दे पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता बढ़ती महंगाई से परेशान है. उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी त्रस्त है. इनकी कीमतें कम करना केंद्र सरकार के हाथ में है. जिसके लिए कांग्रेस पूरे देश में महंगाई के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही है.

एनडीए शासनकाल में सात वर्षों में कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में न्यूनतम 28 डॉलर प्रति बैरल और अधिकतम 78 डॉलर प्रति बैरल यानी 50 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर नहीं गई है. किंतु आज पेट्रोल देश भर में 100 रुपए और डीजल 90 रुपए पहुंच गया है. रसोई गैस के मामले में मोदी सरकार ने देश भर की महिलाओं की रसोई पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी है. इसका जवाब आने वाले चुनाव में देश की जनता भाजपा को देगी.

सचिन पायलट ने कहा कि देश के 250 शहरों में पेट्रोल के दाम 100 रुपए के पार हो गए हैं. वहीं प्रेस वार्ता में पायलट ने किसान बिल को वापस लेने की मांग भी की. उत्तराखंड में बहुत अराजकता का माहौल है. राष्ट्रीय स्तर पर लोग महंगाई से त्रस्त हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के आह्वान पर देश भर के तमाम प्रांतों में कांग्रेस ने प्रदेश में हर जनपद में, हर ब्लॉक में और हर विधानसभा में महंगाई के खिलाफ पिछले 10 दिनों से आंदोलन चलाया है. जगह-जगह साइकिल यात्राएं निकाली गईं. पेट्रोल पंप में उपभोक्ताओं को कांग्रेस के कार्यकाल में और भाजपा के कार्यकाल में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों के बारे में पर्चा बांटा गया है. पेट्रोल पंप में प्रदर्शन किए गए. देशभर में महंगाई के खिलाफ केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्यों में पुतला दहन किया गया.

सचिन पायलट ने कहा कि आज केंद्र सरकार कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में न्यूनतम पर आने के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ा रही है. देश में यूपीए शासनकाल के दौरान 10 वर्षों में कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 100 डॉलर प्रति बैरल रही, लेकिन पेट्रोल 70 रुपये से ऊपर नहीं गया और डीजल 57 से ऊपर नहीं गया.

Leave a comment